Last Updated: Friday, April 12, 2013, 21:04
नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अमेरिका और जर्मनी की तुलना में देश में उच्च शिक्षा में युवाओं के निम्न नामांकन दर पर शुक्रवार को चिंता जाहिर की। उच्च शिक्षा में निम्न नामांकन दर के लिए संस्थानों के अभाव को जिम्मेदार ठहराते हुए मुखर्जी ने कहा कि देश में 18 से 24 वर्ष उम्र वर्ग के मात्र सात प्रतिशत लोग ही उच्च शिक्षा में प्रवेश करते हैं, जबकि जर्मनी में इस उम्र वर्ग के 21 प्रतिशत और अमेरिका में 34 प्रतिशत लोग उच्च शिक्षा में प्रवेश करते हैं। नामांकन दर बढ़ाने के लिए खासतौर से सुदूरवर्ती क्षेत्रों में विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रपति यहां इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के 26वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मुखर्जी ने कहा कि देश में शैक्षणिक संस्थानों का घनत्व 11वीं योजना अवधि के दौरान बढ़कर 10 से 14 संस्थान प्रति 1,000 वर्ग किलोमीटर हो गया है। लेकिन कई स्थानों में शैक्षिक संस्थान अभी भी नहीं हैं। मुखर्जी ने कहा कि 27 वर्षों के दौरान इग्नू मुक्त एवं दूरवर्ती शिक्षा का एक अग्रणी संस्थान बन गया है.. यह भारत और अन्य 43 देशों में 67 क्षेत्रीय केंद्रों, 3,350 अध्ययन सहायता केंद्रों और 82 विदेशी केंद्रों के जरिए 30 लाख विद्यार्थियों की मांगें पूरी करता है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री जितिन प्रसाद भी इस मौके पर मौजूद थे।
विद्यार्थियों और शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए प्रसाद ने कहा कि भारत में दूरवर्ती शिक्षा का भविष्य है, क्योंकि देश में अधिक शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने के लिए जगह की कमी है। (एजेंसी)
First Published: Friday, April 12, 2013, 21:04