Last Updated: Sunday, September 22, 2013, 21:53
नई दिल्ली : दंगा प्रभावित मुजफ्फरनगर में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह को जाने की अनुमति न दिए जाने के एक दिन बाद पार्टी ने आज उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की। सिंह की अगुवाई में एक भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने यह भी मांग की कि उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायाधीश को हिंसा की जांच करना चाहिए और प्रभावितों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से यहां मुलाकात करने के बाद भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ठप हो चुकी है। हमने इसके बारे में राष्ट्रपति को बताया। राज्य में कोई सरकार नहीं है और आपातकाल जैसी स्थिति है। इसलिए हमने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है।’ सिंह ने उमा भारती, हुकुम सिंह, लक्ष्मीकांत बाजपेयी और सत्यपाल मलिक जैसे उत्तर प्रदेश के भाजपा नेताओं और विधायकों के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा जिसमें राज्य की स्थिति पर राष्ट्रपति का ध्यान आकर्षित किया गया है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा ‘उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायाधीश को हिंसा की जांच करनी चाहिए और प्रभावितों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए।’ हिंसा उकसाने के आरोप में उप्र पुलिस ने तीन विधायकों को गिरफ्तार किया है। मुजफ्फरनगर में इस माह के शुरू हुई हिंसा में 48 लोगों की जान चली गई और करीब 40,000 लोग बेघर हो गए। गिरफ्तार विधायकों में दो भाजपा के और एक बसपा का विधायक है। भाजपा अध्यक्ष को राज्य सरकार ने हिंसा प्रभावित इलाकों में जाने की अनुमति नहीं दी है।
उप्र भाजपा विधायक दल के नेता हुकुम सिंह ने कहा, ‘हमने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन दिया है। बीते छह माह से उप्र में अराजकता है। हमने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को इस बारे में बताया।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई और नतीजा मुजफ्फरनगर में हिंसा के रूप में सामने आया। अब राज्य के अन्य भागों पर इसका असर हो रहा है। लोगों का सरकार पर से भरोसा खत्म हो गया है। इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 22, 2013, 21:53