Last Updated: Sunday, June 30, 2013, 12:35
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली/देहरादून : उत्तराखंड में भीषण तबाही को लेकर अब राज्य सरकार की लापरवाही उजागर होने लगी है। अलग-अलग खबरों में यह बात सामने आई है कि मौसम विभाग की ओर से समय-समय पर भेजी गई चेतावनी और चार धाम यात्रा से जुड़ी विशेष एडवाइजरी पर अगर सरकार ने ध्यान दिया होता तो इतनी गंभीर त्रादसी से कुछ हद तक बचा जा सकता था।
मौसम विभाग ने चेतावनी में साफ कहा था कि चार धाम यात्रा को स्थगित कर दिया जाए क्योंकि भारी बारिश होने वाली है। लेकिन सरकारी अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और नतीजतन हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी। बहुगुणा सरकार अब इस मामले चुप्पी साधे हुए है।
खबरिया चैनलों के अनुसार भारी बारिश की पहली चेतावनी 14 जून को कृषि सलाह बुलेटिन में दी गई थी। 15 जून यानी जलप्रलय से एक दिन पहले अगले 72 घंटे में भारी बारिश की चेतावनी आपदा प्रबंधन केंद्र, आईटीबीपी और रुद्रप्रयाग के डीएम को भी दी गई थी। इस चेतावनी में साफ कहा गया था यात्रियों को सुरक्षित जगहों पर जाने को कहा जाए।
इसके बाद 15 जून को ही चार धाम यात्रा से जुड़ी एक विशेष अडवाइजरी भी जारी की गई थी। इस एडवाइजरी में भी 16-17 जून को भारी बारिश का अनुमान लगाया गया था। इसमें साफ कहा गया था कि चार धाम यात्रियों को सलाह दी जाती है कि चार दिन तक यात्रा टाल दें। यह चेतावनी बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और जोशीमठ इलाकों के लिए थी। 16 जून की सुबह भी मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की थी। सारे अनुमान सही साबित हुए और 16 जून की रात हुई बारिश ने उत्तराखंड में सबसे ज्यादा तबाही मचाई।
First Published: Sunday, June 30, 2013, 12:35