Last Updated: Friday, June 28, 2013, 12:11
ज़ी मीडिया ब्यूरोदेहरादून : उत्तराखंड में प्रलंयकारी बाढ़ से मची तबाही के बाद केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा बड़े पैमाने पर चल रहा राहत और बचाव अभियान पूरा होने के करीब पहुंच गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि एक से दो दिनों में अधिकांश दुर्गम स्थलों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि जोशीमठ-बद्रीनाथ, रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड और उत्तरकाशी-गंगोत्री मार्गों को छोड़कर सभी मुख्य मार्गों को पुन: खोल दिया गया है जिससे लोगों को तेजी से बाहर निकालने की उम्मीद बढ़ी है।
थल सेना प्रमुख बिक्रम सिंह राहत कार्यों की समीक्षा करने और गौरीकुंड के निकट मंगलवार को हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए 20 जवानों को श्रद्धांजलि देने आज सुबह गोचर पहुंचे।
एक आधिकारिक अनुमान के अनुसार, राज्य के विभिन्न हिस्सों में 1237 लोग अब भी फंसे हुए हैं। अब तक 1,04,687 लोगों को सड़क एवं हवाई मार्ग के जरिए विभिन्न स्थानों से बाहर निकाल लिया गया है। केदारनाथ घाटी में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार का कार्य जारी है। अब तक 34 शवों की पहचान करने और डीएनए संरक्षित करने जैसी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जा चुका है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सभी जिला मजिस्ट्रटों ने पीड़ित लोगों को जरूरी राहत सामग्री वितरित करना आरंभ कर दिया है। इसके साथ ही उनके लिए मिट्टी का तेल और एलपीजी सिलेंडर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की भी कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को हुई क्षति का आंकलन किया जा रहा है और बहाली का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि पीड़ित लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए नि:शुल्क परिवहन सुविधा मुहैया कराई जा रही है। इसके लिए देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी और काठगोदाम में विशेष काउंटर बनाए गए हैं। तीर्थयात्रियों को उनके गंतव्य स्थल तक पहुंचाने में मदद करने के लिए विभिन्न रेलगाड़ियों में विशेष कोच लगाए गए हैं।
राज्य की सरकारी वेबसाइट ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन’ पर बाढ़ पीड़ितों और लापता लोगों संबंधी जानकारी मुहैया कराई जा रही है ताकि उनके संबंधियों को उनकी वास्तविक जानकारी मिल सके। अधिकारियों ने बताया कि अनुमानित 3000 लोग लापता हैं और उनका पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
First Published: Friday, June 28, 2013, 09:56