Last Updated: Saturday, June 22, 2013, 12:23
ज़ी मीडिया ब्यूरोदेहरादून : गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने उत्तराखंड त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से मना कर दिया। शनिवार सुबह बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड का दौरा करने के लिए देहरादून पहुंचे शिंदे ने आनन-फानन में राहत और बचाव कार्य की समीक्षा करने के लिए बैठक बुलाई। इस बीच शिंदे जब मीडिया से रू-ब-रू हुए तो उन्होंने इस बात को माना कि राहत कार्य में लगी एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए समीक्षा बैठक बुलाई गई है।
गृहमंत्री ने मीडिया को जानकारी दी कि उत्तराखंड में अब भी 40 हजार लोग फंसे हैं। शिंदे ने कुदरत के इस कहर को राष्ट्र का सबसे बड़ा संकट बताया। लेकिन इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उल्टे शिंदे ने पत्रकारों से सवाल कर डाला कि आखिर आप ये बताएं कि इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से क्या मिलेगा।
शिंदे ने कहा, `केंद्र सरकार की ओर से राज्य को राहत में पूरी मदद की जाएगी। हम लगातार राज्य के संपर्क में है। केंद्र सरकार राहत कार्य की निगरानी कर रही है और सेना से भी पूरी मदद ली जा रही है।` गृह मंत्री ने कहा कि अभी भी अलग-अलग दुर्गम इलाकों में करीब 40 हजार लोग फंसे हुए हैं। फंसे हुए लोगों को वहां से निकालना सरकार की प्राथमिकता में है। शिंदे ने कहा कि दुर्गम स्थानों पर जहां संपर्क मार्ग कट गया है, रास्ता बनाने का काम जारी है।
शिंदे ने वीआईपी और राजनीतिक दौरों पर टिप्पणी करते हुए कहा, `इससे राहत कार्य में बाधा आती है। इसलिए हमारी कोशिश होगी कि वीआईपी और राजनीतिक दौरे कम से कम हों। शवों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। शवों का डीएनए सुरक्षित रखा जाएगा।`
First Published: Saturday, June 22, 2013, 12:23