Last Updated: Wednesday, September 4, 2013, 23:46
नई दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि जून में उत्तराखंड में तूफानी बारिश में लापता हुए लोगों की पुष्टि हो जाने पर उनके परिजनों को मुआवजा देने के लिए सात साल की प्रतीक्षा नहीं की जाएगी और दो-तीन महीने के अंदर ऐसे सभी लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाएंगे।
लोकसभा में नियम-193 के तहत उत्तराखंड में पिछले दिनों आयी प्राकृतिक आपदा और वहां राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों के बारे में विशेष चर्चा के दौरान गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा, ‘राज्य सरकारों और वहां की पुलिस से उत्तराखंड में लापता लोगों की पुष्टि की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है और ऐसा हो जाने पर दो तीन महीने के भीतर उनके मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाएंगे।’ उनसे सवाल किया गया था कि लापता लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र कब तक जारी किए जाएंगे जिससे कि उनके परिजनों को मुआवजा दिया जा सके।
चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने कहा, ‘5359 लोग उस विभिषीका में लापता पाए गए हैं और यह गणना वैज्ञानिक आधार पर की गई है। सभी राज्यों से संबंधित लापता लोगों के बारे में जानकारी प्राप्त की गई है और इसी आधार पर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है।’
रामचंद्रन ने कहा कि लापता लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की वर्तमान प्रक्रिया को इस मामले में नहीं अपनाया जाएगा और उनकी पुष्टि होते ही ऐसे लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दे दिया जाएगा। नियम के अनुसार, लापता लोगों के परिजनों को सात साल की प्रतीक्षा के बाद मुआवजा एवं अन्य लाभ दिए जाते हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 4, 2013, 23:46