Last Updated: Wednesday, June 19, 2013, 17:00

नई दिल्ली : भाजपा ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से हुई तबाही को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि यह दोनों राज्यों के कुशासन का परिणाम है जिनके पास ‘पूर्व चेतावनी’ की कोई व्यवस्था नहीं है।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि उत्तराखंड में बाढ़ और भू-स्खलन से हजारों लोग मारे गए हैं और उन्होंने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से मांग की कि राज्य में राहत कार्य के लिए वह सेना को लगाएं। उन्होंने कल रात शिंदे से फोन पर स्थिति के बारे में चर्चा की।
सुषमा ने ट्वीटर पर बताया कि शिंदे ने सभी तरह की मदद का आश्वासन दिया है। विपक्ष की नेता ने कह कि हजारों लोग मारे गए हैं और कोई बचाव कार्य नहीं हो रहा है। उनके अनुसार उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय भट्ट से उन्हें आपात संदेश मिला है जिसमें बताया गया है कि पूरी केदारघाटी बह गई है।
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा, ‘मैं केन्द्र और राज्य सरकारों से आग्रह करता हूं कि वह तुरंत राहत मुहैया कराएं। सिंह ने दोनों राज्यों के पार्टी कार्यकर्ताओं से भी कहा कि वे बाढ़ और भू-स्खलन से प्रभावित लोगों के लिए राहत और बचाव कार्य में जुट जाएं और प्रभावितों को अपने घरों में आश्रय दें।
उधर पार्टी की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हुई तबाही को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि इतनी बड़ी तबाही दोनों राज्यों की सरकारों के कुशासन का परिणाम है जिनके पास पूर्व चेतावनी व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 19, 2013, 17:00