Last Updated: Wednesday, October 17, 2012, 20:54
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि घरेलू इस्तेमाल में आने वाली रसोई गैस के सिलेन्डर के साथ होने वाली हेराफेरी की समस्या से निबटने के लिए इसका वजन उपभोक्ता के दरवाजे पर किया जाए।
न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने कंज्यूमर प्रोटक्शन काउन्सिल की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है। न्यायधीशों ने उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने के लिए दूरदर्शन और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर विज्ञापन प्रसारित करने का भी निर्देश दिया है। इससे पहले, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि सभी तेल कंपनियों को यह निर्देश दिया जाएगा कि वे प्रत्येक मामले में यह सुनिश्चित करें कि गैस वितरक का आदमी अपने साथ वजन करने वाला उपकरण लेकर चले और उपभोक्ता की मौजूदगी में सिलेन्डर का वजन करने के बाद ही उसे उपभोक्ता को सौंपा जाए।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के इस आश्वासन के बाद न्यायालय ने यह आदेश दिया। न्यायालय ने कहा कि गैस के सिलेन्डरों का एक मानक बनाया जाये ताकि विभिन्न वजन के आधार पर उपभोक्ताओं को गुमराह नहीं किया जा सके। न्यायधीशों ने कहा, ‘जनता को जागरूक बनाने के लिए ये निर्देश जारी करना जरूरी है। गैस सिलेन्डर की जांच और उनका वजन होना चाहिए। सरकार को खुद ही इस ओर ध्यान देना चाहिए था। सालों से आपूर्तिकर्ता इस तरह की शरारत करते आ रहे हैं, इससे पैसा बना रहे हैं। पहले ये सेवा का नहीं बल्कि धन कमाने का जरिया था।’ अनेक मामलों में गैस सिलन्डरों का वजन कम होने की शिकायतों से सहमति व्यक्त करते हुए न्यायालय ने कहा कि वजन के बारे में भी कैश मेमो पर मोटे अक्षरों में लिखा होना चाहिए ताकि उपभोक्ता को उनके अधिकार के प्रति जागरूक रह सकें। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 17, 2012, 20:54