Last Updated: Monday, October 15, 2012, 20:00

नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा के लिए उत्पादक, उपभोक्ता और मध्यस्थ देशों के बीच मजबूत साझेदारी की जरूरत पर जोर दिया। पेट्रोटेक 2012 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का यहां उद्घाटन करते हुए मुखर्जी ने कहा कि भारत और चीन के मजबूत उपभोक्ता के रूप में उदय होने से वैश्विक ऊर्जा समीकरण बदल गया है।
उन्होंने कहा कि उत्पादन, आपूर्ति और सुरक्षित परिवहन पूरी श्रंखला के सामने मौजूद चुनौती वैश्विक प्रकृति की है और ऊर्जा सुरक्षा के केंद्र में है पारस्परिक निर्भरता।
मुखर्जी ने कहा कि वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने के लिए उत्पादक, उपभोक्ता और मध्यस्थ देशों की बढ़ती पारस्परिक निर्भरता के लिए सभी राज्यों के बीच मजबूत साझेदारी की जरूरत है।
पहले देश के वित्त मंत्री रह चुके मुखर्जी ने कहा कि कोई भी देश अपने आप को वैश्विक बाजार से अलग नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा, हमें अन्य उत्पादक देशों और उनके तेल एवं गैस उद्योग के साथ पारस्परिक लाभ के लिए मजबूत आर्थिक साझेदारी बनाने की जरूरत है।
खरीदने और मूल्य निर्धारण के अलावा स्वच्छ और सस्ते ऊर्जा उत्पादों की नई प्रौद्योगिकी के लिए शोध और विकास एक अन्य क्षेत्र है, जहां विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, तेल की पारम्परिक रूप से बड़ी कम्पनियां अब अपने विशाल भंडार, तेल शोधक कारखानाओं और वितरण नेटवर्क को लेकर आत्मसंतुष्ट नहीं रह सकती हैं। वास्तविकता यह है कि आज वे कम्पनियां विजेता हैं, जिनकी पकड़ नई प्रौद्योगिकी पर है। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 15, 2012, 19:59