Last Updated: Saturday, March 31, 2012, 05:18
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली: वैक्ट्रा समूह के चेयरमैन और एनआरआई व्यापारी आर के ऋषि के बारे में डीएन अखबार ने एक नया खुलासा किया है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक एक शिकायत में आरोप लगाया गया है कि रवि ने टाट्रा चेक ( टैट्रा ट्रकों के लिए उपकरण बनाने वाली मूल कंपनी ) के बोर्ड में रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया। जिससे टैट्रा सिपॉक्स लिमिटेड अनफिट पाए गए ट्रकों को लागत मूल्य से कम दर पर बेच सके।
इसके बाद टाट्रा सिपॉक्स ने मुनाफे पर भारत की बीईएमएल को ये ट्रक बेच दिए। इस वजह से टाट्रा चेक को भारी घाटा हुआ क्योंकि ट्रकों की बिक्री से मुनाफा तो रवि की कंपनी को हो रहा था। सिपॉक्स को 1994 में रवि की कंपनी वेक्ट्रा ग्रुप का हिस्सा बना लिया गया था। रवि ऋषि भारतीय मूल के ब्रिटिश हैं।
शुक्रवार को अहम घटनाक्रम में सीबीआई ने सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी बीईएमएल के जरिये सेना को हर परिस्थिति में काम करने वाले टाट्रा ट्रकों की आपूर्ति के लिए घूसखोरी की कथित पेशकश के संबंध में एक मामला दर्ज कर लिया। जांच एजेंसी ने इसके साथ ही वेक्ट्रा समूह के अध्यक्ष और भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक रवि ऋषि को पूछताछ के लिए बुलाया है। ऋषि की टाट्रा में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है।
ब्रिटिश नागरिक ऋषि रक्षा प्रदर्शनी के सिलसिले में राजधानी दिल्ली आए हुए हैं। उन्हें इस सौदे में कथित अनियमितताओं के संबंध में पूछताछ करने के लिए बुलाया गया है। जांच एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि ऋषि, रक्षा मंत्रालय, सेना एवं बीईएमएल के अधिकारियों के खिलाफ अपराधिक साजिश, धोखाधड़ी एवं भ्रष्टाचार निरोधक कानून के कुछ प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
First Published: Sunday, April 1, 2012, 10:15