Last Updated: Wednesday, May 29, 2013, 20:50

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री एके एंटनी ने हलके लड़ाकू विमान जैसी सामरिक परियोजनाओं में देरी के लिए आज रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) को फटकार लगाते हुए कहा कि देरी की भी एक सीमा होती है और इसे ‘करो या भुगतो’ में से किसी एक को चुनना होगा।
डीआरडीओ के एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि डीआरडीओ को अपनी मूल क्षमता पर ध्यान देना चाहिए और अपने संसाधनों और उर्जा को बर्बाद नहीं करना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि छोटे लड़ाकू विमानों (एलसीए) की परियोजना निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर अपना संगेमील हासिल करेगी।
उन्होंने कहा, ‘गलाकाट स्पर्धा के इस समय में चुनाव बहुत स्पष्ट है कि करो या भुगतो। सामरिक प्रणालियों के विकास में समयसीमा का पालन किया जाना चाहिए और इस्तेमालकर्ता की तसल्ली अग्नि परीक्षा है।’ एंटनी ने कहा कि दुनियाभर में सैन्य विकास परियोजनाओं को समय पर पूरा करना कठिन कार्य है और समय सीमा का उल्लंघन भी होता है, लेकिन ‘देरी की भी सीमा होती है।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा मत सोचिए कि मैं आपकी आलोचना कर रहा हूं। मैं हर समय आपके साथ हूं, लेकिन रक्षा मंत्री के तौर पर आपसे कुछ कहना मेरा दायित्व है।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 29, 2013, 20:50