Last Updated: Wednesday, April 3, 2013, 15:16

नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नए और कड़े प्रावधानों वाले बलात्कार रोधी विधेयक पर अपनी मंजूरी की मोहर लगा दी और इसके साथ ही बलात्कारियों को आजीवन कारावास तथा मौत की सजा देने वाला कानून बुधवार से लागू हो गया है ।
इस विधेयक में सामूहिक दुष्कर्म के लिए न्यूनतम 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा देने का प्रावधान किया गया है, तथा पीछा करने, घूरने और यौन उत्पीड़न के लिए दंड निर्धारित किया गया है।
मुखर्जी ने कल आपराधिक कानून (संशोधन ) विधेयक 2013 को अपनी मंजूरी दे दी थी। अब इसे आपराधिक कानून (संशोधन ) अधिनियम 2013 के नाम से जाना जाएगा। एक सरकारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी है।
इस विधेयक को लोकसभा ने 19 मार्च को तथा राज्यसभा ने 21 मार्च को पारित किया था। इस संबंध में तीन फरवरी को अध्यादेश जारी किया गया था।
इस विधेयक के जरिए भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम तथा यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम में संशोधन किए गए हैं ।
इस विधेयक में न्यायमूर्ति जे. एस वर्मा समिति द्वारा की गई सिफारिशों को शामिल किया गया है। यह समिति पिछले वर्ष दिसम्बर में दिल्ली में चलती बस में एक युवती के साथ हुए जघन्य सामूहिक दुष्कर्म के बाद सम्बंधित कानूनों को कठोर करने के उद्देश्य से गठित की गई थी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 3, 2013, 13:40