'एंट्रिक्स-देवास करार एक गैर मुद्दा' - Zee News हिंदी

'एंट्रिक्स-देवास करार एक गैर मुद्दा'



बेंगलूर : इसरो के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उन पर तथा तीन अन्य वैज्ञानिकों पर सरकारी नौकरी पाने के लिए लगायी गयी पाबंदी को वापस लेने का आदेश दे सकते हैं जबकि केन्द्रीय मंत्री वी नारायणसामी ने सरकार के फैसले की समीक्षा की संभावना से इनकार कर दिया है। नायर ने कहा कि एंट्रिक्स-देवास करार को लेकर कोई मुद्दा नहीं है।

 

नायर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस बारे में कुछ नहीं किया है। मुझे उम्मीद है कि वह विचार विमर्श करेंगे और उपयुक्त निर्णय करेंगे। प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आदेश को निरस्त करने का अनुरोध किया। इसमें दावा किया गया कि यह आदेश बिना जांच के जारी किया गया और इसे वैज्ञानिकों की छवि को धूमिल करने के मकसद से जारी किया गया।

 

इस विवादास्पद करार के बारे में दो सरकारी रिपोर्ट के आधार पर नायर तथा इसरो के तीन अन्य वैज्ञानिकों पर किसी सरकारी पद पर नियुक्ति पर पाबंदी लगा दी गई थी। नायर ने सूचना का अधिकार कानून के तहत उन पर लगायी गयी पाबंदी के आदेश और रिपोर्ट की प्रतियां मांगी हैं।

 

प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने कहा, वे (अधिकारी) जवाब देने के लिए सामान्य समय ले रहे हैं। लिहाजा मुझे सभी ब्यौरे हासिल करने के लिए एक माह का समय लग जायेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात को पसंद करेंगे कि प्रधानमंत्री हस्तक्षेप करें, नायर ने कहा, हां, वास्तव में। करार की जांच करने वाले बी के चतुर्वेदी ने बयान दिया था कि वैज्ञानिकों की ओर से कोई दुर्भावनापूर्ण मंशा नहीं थी तथा मानकों एवं प्रक्रियाओं के उल्लंघन दुर्भावनावश या जानबूझ कर नहीं किया गया। इस बयान के बारे में पूछने पर चतुर्वेदी ने कहा कि उन्होंने वास्तविक स्थिति को सामने रखा।

 

नायर ने कहा, मैं भी काफी समय से यही कह रहा था उन्होंने यही संदेश दिया है कि कोई मुद्दा नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि देवास के साथ करार खत्म करने के मामले में कोई मुद्दा नहीं है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, February 12, 2012, 17:49

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