Last Updated: Sunday, January 29, 2012, 16:03
नई दिल्ली : सरकार ने रविवार को कहा कि वह इसरो के पूर्व प्रमुख माधवन नायर सहित चार वैज्ञानिकों की बात सुनने को तैयार है जिनकी एंट्रिक्स देवास करार में कथित भूमिका के लिए भविष्य में किसी भी सरकारी पद पर नियुक्त पर रोक लगा दी गई है।
प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री वी नारायणसामी ने कहा, हम उनकी बात सुनने को तैयार हैं। उन्हें अपनी बात रखने दीजिए। यह पूछे जाने पर कि क्या निर्णय को वापस लिया जा सकता है, उन्होंने कहा, मैं अभी यह कैसे कह सकता हूं। पहले उन्हें अपनी बात रखने दीजिए। उन्होंने कहा कि सरकार वैज्ञानिकों की बात पर विचार करेगी।
इससे पहले सरकार ने डिजिटल मल्डीमीडिया सेवाएं शुरू करने के वास्ते दो उपग्रहों पर दो ट्रांसपांडरों को लीज पर देने के लिए देवास मल्टीमीडिया के साथ एंट्रिक्स कापरेरेशन के करार में कथित भूमिकाओं के लिए इस महीने के शुरू में नायर और तीन अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिकों को सरकार पदों पर नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। यह ठेका निजी कंपनी देवास को एस बैंड स्थान आवंटन से संबंधित है।
प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के प्रमुख प्रोफेसर सीएनआर राव ने इस कदम पर कल कहा था कि नायर और तीन अन्य सहयोगी वैज्ञानिकों को ‘कूड़े की तरह फेंक’ दिया गया।
राव ने नारायणसामी को उनके उस कथित बयान के लिए निशाना बनाया था कि सरकार ने यह निर्णय वैज्ञानिक समुदाय को कड़ा संदेश देने के लिए किया है कि कोई भी गलत काम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 29, 2012, 21:35