Last Updated: Thursday, October 27, 2011, 07:55
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के कुछ इलाकों से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) को वापस लेने के लिए जारी बातचीत के बीच सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह ने गुरुवार को कहा कि उनके बल ने इस मुद्दे पर अपनी राय दे दी है।
बहरहाल जनरल सिंह ने विस्तृत ब्यौरा देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि यह मामला गृह मंत्रालय में विचाराधीन है।
उन्होंने यहां पैदल सेना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि यह (एएफएसपीए कानून ) गृह मंत्रालय में विचाराधीन है। वहां इस पर विचार किया जा रहा है और हमने अपनी राय दे दी है। मैं इससे अधिक कुछ और नहीं कहना चाहूंगा।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मुस्तफा कमाल ने कहा था कि श्रीनगर में 25 अक्तूबर को ग्रेनेड विस्फोट सेना ने कराया था। इस पर सिंह ने कहा कि जिसने भी ऐसा कहा है, मुझे लगता है कि वह मेरी प्रतिक्रिया का हकदार नहीं है।
सेना इस आधार पर एएफएसपीए को जारी रखने की वकालत कर रही है कि राज्य में आतंकवाद से निपटने के लिए यह जरूरी है। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा था कि राज्य के श्रीनगर, बडगाम, सांबा और जम्मू जिलों से अधिनियम को वापस लेने का मतलब सेना की भूमिका कम करना नहीं है।
अब्दुल्ला ने कहा ‘सेना जम्मू कश्मीर में उग्रवाद विरोधी अभियानों में अहम भूमिका निभा रही है।’ उन्होंने कहा ‘यहां तक कि जम्मू कश्मीर में कुछ इलाकों से एएफएसपीए को हटाने की प्रक्रिया पर सेना और अन्य केंद्रीय बलों के साथ विचारविमर्श किया जा रहा है और उनकी राय तथा सुरक्षा संबंधी पहलू पर भी विचार किया जाएगा।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा प्रभाव बनाने की कोशिश की जा रही है कि राज्य सरकार और सेना अलग अलग रास्तों पर चल रहे हैं जबकि यह सही नहीं है। उमर ने कहा कि समय समय पर यह साबित होता रहा है कि सेना एक अनुशासित बल है जो तय मानक प्रक्रिया के आधार पर काम करती है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, October 28, 2011, 10:49