एनडीए को बचाए रखने की कोशिश में बीजेपी

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नई दिल्ली : जदयू के राजग से अलग होने के संकेतों के बीच भाजपा ने बुधवार को कहा कि दोनों दलों को बिहार की जनता के जनादेश का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि प्रदेश के लोगों ने इन दोनों से अलग अलग नहीं बल्कि एक साथ मिल कर सरकार बनाने की कामना की थी।

भाजपा के नेताओं ने कहा कि पार्टी इस बारे में एकदम स्पष्ट है कि वह अपनी ओर से ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी जिससे दोनों दलों के अलग होने की नौबत आए। राजग के कार्यकारी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने आज जदयू अध्यक्ष शरद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फोन पर बात करके उन्हें यह समझाने का प्रयास किया कि दोनों दलों को साथ बने रहना चाहिए। राजग के गठन के समय से ही जदयू उसका हिस्सा है।

भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने जदयू के राजग से अलग होने के संकेतों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि बिहार की साढ़े दस करोड़ जनता और 21 करोड़ आंखे इस गठबंधन की ओर बहुत उम्मीदों से देख रही हैं। बिहार के मतदाताओं ने इनमें से किसी एक दल के लिए नहीं बल्कि जदयू-भाजपा गठबंधन के लिए जनादेश दिया है। उन्होंने कहा कि इस गठबंधन का बने रहना राज्य के हित में है और इसके दलों को अलग होकर मतदाताओं के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए।

नरेंद्र मोदी को भाजपा चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाने के बाद से जदयू के राजग से अलग होने की अटकलें बढ़ गई हैं। जदयू मोदी को राजग का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के सख्त खिलाफ रही है और उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की अभियान समिति का प्रमुख बनाना यह माना जा रहा है कि इस बहाने उन्हें पीएम के चेहरे के रूप में पेश किया गया है। बिहार में काफी संख्या में मौजूद अल्पसंख्यक मतदाताओं को लुभा रहे नीतीश कुमार का मानना है कि कट्टर हिन्दुत्व की छवि वाले मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में पेश किए जाने के संकेत भर से मुस्लिम मतदाता राजग को त्याग देंगे, जिसकी बड़ी कीमत जदयू को चुकानी पड़ेगी। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, June 12, 2013, 19:12

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