एनडीए शासनकाल के कोल ब्लॉक आवंटनों की जांच!

एनडीए शासनकाल के कोल ब्लॉक आवंटनों की जांच!

एनडीए शासनकाल के कोल ब्लॉक आवंटनों की जांच! भुवनेश्वर : प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने आज कहा कि केंद्र राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के शासन के दौरान किए गए कोयला ब्लाक आवंटनों को भी सीबीआई जांच के दायरे में शामिल करने की मांग पर गौर कर रहा है।

नारायणसामी ने यहां कहा, ‘‘विभिन्न वर्गों की मांग है कि भाजपा की अगुवाई वाले राजग के शासनकाल में किए गए कोयला ब्लाक आवंटनों को भी शामिल किया जाए। केंद्रीय कोयला मंत्रालय उस पर गौर कर रहा है।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र ने कैग के अपनी रिपोर्ट देने से काफी पहले मार्च में ही आवंटनों की जांच का आदेश देकर सक्रियता दिखाई थी, अब भाजपा को सीबीआई जांच असहज लग रही है क्योंकि उसे डर है कि उसके कई नेता बेनकाब हो जाएंगे।

कोयला ब्लाक आवंटनों में कथित अनियमितताओं की एसआईटी जांच की भाजपा की मांग खारिज करते हुए राज्यमंत्री कहा कि सीबीआई अपनी निष्पक्ष छवि के साथ एक पारदर्शी एजेंसी है और कई राज्य इसके द्वारा जांच किये जाने की सिफारिश करते रहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सीबीआई जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह मुख्यमंत्री, मंत्री या कोई अधिकारी ही क्यों न हों।’’

कोयला ब्लाक आवंटनों के लिए भाजपा शासित राज्यों समेत कोयला संपन्न राज्यों को जिम्मेदार ठहराते हुए नारायणसामी ने कहा कि आवंटन से संबंधित 90 फीसदी कार्य-सिफारिशें भेजने से लेकर आवंटन पर मुहर लगाने तक का काम, राज्यों के पास है। उन्होंने कहा कि राजग के शासनकाल में 39 कोयला ब्लाक बिना किसी दिशानिर्देश एवं पारदर्शी नीति के आवंटित किए गए लेकिन जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सत्ता में आया तब प्रधानमंत्री ने कोयला का आवंटन पारदर्शी तरीके से करने पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि राज्यों से जब राय मांगी गयी तब ओड़िशा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने नीलामी प्रक्रिया का विरोध किया। कोयला संपन्न राज्य आवंटन में पक्षकार हैं क्योंकि स्क्रीनिंग कमेटी में राज्यों के मुख्य सचिव शामिल थे। (एजेंसी)

First Published: Thursday, September 13, 2012, 16:41

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