एनसीटीसी की कोई जरूरत नहीं : पूर्व रॉ प्रमुख

एनसीटीसी की कोई जरूरत नहीं : पूर्व रॉ प्रमुख

पणजी : एक संसदीय समिति ने केंद्र सरकार को शायद राष्ट्रीय आतंकवाद मुकाबला केंद्र (एनसीटीसी) के गठन को ठंडे बस्ते में रखने के लिए कहा है, लेकिन रॉ के एक पूर्व प्रमुख ने जोर देकर कहा है कि भारत को इस तरह के किसी उपकरण की जरूरत नहीं है।

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व विशेष सचिव अंबर सेन ने शनिवार को एक सार्वजनिक व्याख्यान के दौरान कहा कि यदि आईबी और रॉ में मौजूद रिक्तियां भरी जाती हैं तो दोनों संस्थान आतंकवाद रोधी अभियानों को पूरा करने के लिए काफी हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व खुफिया रणनीतिक सलाहकार सेन ने कहा, `जब आपके पास 40-50 साल पुराने संगठन हैं ही तो एक नई एजेंसी क्यों शुरू करना चाहते हैं?` खुफिया रणनीतिक सलाहकार सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर केंद्र सरकार को परामर्श देते हैं। सेन ने कहा, `आईबी में 20,000 से ज्यादा कर्मचारियों की कमी है। रॉ में 3000 पद रिक्त हैं। यदि इन दोनों एजेंसियों को लोग दिए जाएं तो उतना ही पर्याप्त होगा।`

उन्होंने कहा कि किसी भी गुप्तचर एजेंसी के लिए नई भर्ती एक लंबी प्रक्रिया है जिसमें काफी समय लगता है और एनसीटीसी जैसे किसी नए ढांचे को खड़ा करने और इसके लिए लोग भर्ती करने की जगह आईबी और रॉ में क्षमता के मुताबिक भर्ती की जानी चाहिए और आतंकवाद रोधी समग्र रणनीति तैयार करने के लिए स्वतंत्र अधिकार दिया जाना चाहिए।

मुंबई पर हुए 26/11 के आतंकवादी हमले के बाद देश में सभी आतंकवाद रोधी उपायों के समन्वय और नियंत्रण करने के लिए एकल संघीय संस्था की जरूरत महसूस किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने एनसीटीसी के गठन का प्रस्ताव रखा था। शुरू से ही यह परियोजना विवादों में रही। गैर कांग्रेस शासित कई राज्यों ने यह दावा करते हुए विरोध जताया कि आतंकवाद विरोधी संगठन राज्यों के मामले में हस्तक्षेप कर सकता है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, May 4, 2013, 21:18

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