Last Updated: Thursday, March 15, 2012, 12:37
नई दिल्ली : राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र (एनसीटीसी) के गठन का विरोध करते हुए संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को न सिर्फ विपक्ष बल्कि संप्रग सरकार में शामिल दलों ने भी इस फैसले को देश के संघीय ढांचे के खिलाफ बताया। तृणमूल कांग्रेस के नेता सुखेन्दु शेखर राय ने राज्यसभा में कहा कि हम स्वीकार करते हैं कि आतंकवाद एक गंभीर समस्या है। पश्चिम बंगाल भी इस समस्या से जूझ रहा है। उन्होंने कहा, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आतंकवाद से निपटने के लिए संघीय ढांचे का त्याग कर दिया जाए।
उन्होंने कहा, केंद्र राज्यों की स्वायत्तता को कुचल नहीं सकता है। संविधान इसकी इजाजत नहीं देता। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा किया गया तो इससे गंभीर राजनीतिक अव्यवस्था फैल जाएगी। एनसीटीसी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस तथा कानून व्यवस्था मुख्यत: राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
एनसीटीसी में छापे, जांच और गिरफ्तारी के अधिकार दिये गये, जो संविधान की भावना के अनुरूप नहीं है। लोकसभा में निर्दलीय इंदर सिंह नामधारी ने सरकार पर आत्मविश्वास की कमी का आरोप लगाया और एनसीटीसी मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर आतंकवाद और उग्रवाद से लड़ना है तो केंद्र और राज्य दोनों को साथ बैठकर नीति तय करनी चाहिए।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, March 15, 2012, 18:07