Last Updated: Wednesday, March 14, 2012, 12:17
नई दिल्ली : राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र (एनसीटीसी) स्थापित करने के केंद्र के फैसले का विरोध करते हुए केंद्र में सत्तारूढ़ संप्रग के घटक दल तृणमूल कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों ने भी बुधवार को सरकार को आड़े हाथ लिया और इसे संघीय ढांचे पर प्रहार बताया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर कल की अधूरी चर्चा में हिस्सा लेते हुए तृणमूल कांग्रेस की काकोली घोष दस्तीदार ने एनसीटीसी के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को इस दिशा में आगे कदम नहीं बढ़ाना चाहिए क्योंकि ऐसा करना संघीय ढांचे पर प्रहार होगा।
उन्होने कहा कि राज्य के सात जिलों की सीमा अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगती है लेकिन उसके बावजूद एनसीटीसी मुद्दे पर प्रदेश सरकार को विश्वास में नहीं लिया गया। विपक्षी बीजद सांसद भर्तृहरि महताब ने भी कहा कि यदि राज्यों को विश्वास में नहीं लिया जाता है तो आतंकवाद की समस्या से निपटने के केंद्र के प्रयासों में सफलता नहीं मिलेगी। महताब ने कहा कि बिना राज्यों की सलाह के एनसीटीसी के गठन का फैसला प्रदेशों के अधिकारों के हनन के समान है। ऐसे मुद्दों पर केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय जरूरी है।
उन्होंने कहा कि लोकपाल विधेयक पर गत सत्र में राज्यसभा में चर्चा अधूरी रह गयी थी। सरकार को उस विवादास्पद मसौदे को वापस लेकर नया विधेयक लाना चाहिए। अन्नाद्रमुक के सी राजेंद्रन ने एनसीटीसी के लिए अधिसूचना जारी करने से पहले केंद्र सरकार पर राज्यों से सलाह नहीं लेने का आरोप लगाया।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 14, 2012, 19:48