Last Updated: Wednesday, July 25, 2012, 21:43

ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी
नई दिल्ली : कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के बीच पिछले एक सप्ताह से चल रहा गतिरोध बुधवार शाम समाप्त हो गया। संप्रग में बेहतर समन्वय के लिए दिल्ली और महाराष्ट्र में समन्वय समिति गठित किए जाने की एनसीपी की मांग पर कांग्रेस राजी हो गई।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार और पार्टी के प्रमुख नेता प्रफुल्ल पटेल ने आज शाम यहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और और एक हफ्ते से जारी गतिरोध पर चर्चा की।
बैठक में समन्वय समिति गठित किये जाने का निर्णय किया गया। इन दोनों नेताओं ने एक सप्ताह पहले गठबंधन के कामकाज के तौर तरीके पर चिंता जताते हुए बेहतर समन्वय की मांग करते हुए मंत्रिमंडल से इस्तीफे की पेशकश की थी। ये दोनों ने मंत्रिमंडल की बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया और अपने अपने मंत्रालय भी नहीं गए थे। बैठक के बाद दोनों दलों की ओर से जारी बयान में कहा गया कि संप्रग के अंदर कारगर समन्वय तंत्र की स्थापना की जाएगी, जिसमें सहयोगी दल महीने में एक बार बैठक कर नीति एवं अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।
नेताओं ने यह भी निर्णय किया कि महाराष्ट्र कांग्रेस एनसीपी गठबंधन सरकार के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए पहले से बनी समन्वय समिति को सक्रिय बनाया जाएगा। बयान में कहा गया कि नेताओं ने संप्रग को और मजबूत बनाने का संकल्प जताया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने केंद्र व महाराष्ट्र में अपनी गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के साथ सुलह की घोषणा करते हुए बुधवार को कहा कि सरकार के बेहतर कामकाज के लिए गठबंधन के सहयोगियों के बीच अधिक संवाद सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद पार्टी के नेता व केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने संवाददाताओं से कहा कि यह निर्णय लिया गया कि गठबंधन के सहयोगी महीने में कम से एक बार बैठक करेंगे और नीतियों व मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
पटेल ने कहा कि बातचीत के बाद हमने संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार के बेहतर कामकाज के लिए प्रभावी समन्वय तंत्र गठित करने का निर्णय लिया। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संप्रग के घटक दल महीने में कम से कम एक बार मुलाकात कर विभिन्न नीतियों एवं मुद्दों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि यह भी निर्णय लिया गया कि महाराष्ट्र सरकार के लिए भी समन्वय तंत्र जल्द ही बनाया जाएगा।
राकांपा ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि केंद्र और महाराष्ट्र की भी गठबंधन सरकार में बहुत से फैसले उससे सलाह-मशविरा के बगैर लिए गए। केंद्र व महाराष्ट्र की गठबंधन सरकारों के बीच बेहतर समन्वय की कमी का हवाला देते हुए पार्टी ने सोमवार को इस पर फैसला बुधवार तक के लिए टालने की बात कही थी कि पार्टी संप्रग सरकार में रहेगी या नहीं। लेकिन राकांपा ने इस बात पर भी जोर दिया था कि पार्टी संप्रग के साथ बनी रहेगी।
First Published: Wednesday, July 25, 2012, 21:43