Last Updated: Monday, October 1, 2012, 18:09

चेन्नई : संप्रग सरकार को झटका देते हुए इसकी दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी द्रमुक ने रविवार को कहा कि वह संसद में विपक्ष के किसी भी प्रस्ताव का समर्थन करेगी जो बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के विरोध करता हो। यहां तक कि इस मुद्दे पर झारखंड के दो सांसदों ने भी समर्थन वापस ले लिया।
लोकसभा में 18 सदस्यों वाली द्रमुक ने दोहरे रुख का त्याग करते हुए खुदरा क्षेत्र में एफडीआई का खुलकर विरोध किया और सरकार से इस पर पुनर्विचार करने को कहा।
भ्रष्टाचार के आरोपों में अपने दो मंत्रियों को बाहर किए जाने के बाद से पार्टी कहती रही है कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई का विरोध करने वाले राज्य चाहें तो इसे लागू नहीं कर सकते हैं।
बहरहाल पार्टी प्रमुख एम. करुणानिधि ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को हाशिए पर रखने के लिए द्रमुक कांग्रेस का समर्थन करती रहेगी। रविवार को उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि मंत्रिमंडल फेरबदल की स्थिति में संप्रग सरकार में अपने प्रतिनिधियों को द्रमुक नामित नहीं करेगी।
द्रमुक ने अपने कार्यकारिणी की आपात बैठक के बाद यह निर्णय किया। झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) ने भी ‘लोक विरोधी नीतियों’ के खिलाफ केंद्र सरकार से अपने सांसदों का समर्थन वापस लेने की घोषणा की।
जेवीएम (पी) के लोकसभा में दो सांसद हैं जिसमें एक इसके प्रमुख और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी हैं। तृणमूल कांग्रेस द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बाद संप्रग सरकार का बहुमत कम होकर 306 तक पहुंच गया है जिसमें सपा के 22 और बसपा के 21 सांसद हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 1, 2012, 14:08