एफडीआई पर आर-पार की तैयारी में सरकार - Zee News हिंदी

एफडीआई पर आर-पार की तैयारी में सरकार



ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : रिटेल सेक्‍टर में विदेशी निवेश के मसले पर केंद्र सरकार अब आर-पार की तैयारी में है। एफडीआई पर रणनीति तय करने के लिए प्रधानमंत्री निवास पर शाम में दोबारा बैठक होगी। विदेशी निवेश मसले पर कांग्रेस की इस उच्‍च स्‍तरीय बैठक में कोई बड़ा फैसला सामने आ सकता है। इसके अलावा, सरकार में सहयोगियों तृणमूल कांग्रेस और डीएमके को मनाने की रणनीति तय की जाएगी।

 

सूत्रों के अनुसार, सरकार अब एफडीआई मसले पर संसद में वोटिंग की तैयारी में जुट गई है। वोटिंग होने की स्थिति में डीएमके सरकार को समर्थन देगी। वहीं, कांग्रेस का यह भी कहना है कि स्‍थगन प्रस्‍ताव का सामना करने के लिए पार्टी सांसद पूरी तरह तैयार हैं।

 

खुदरा व्यापार के क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति दिए जाने के सरकार के फैसले के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता से अविचलित कांग्रेस ने कहा कि किसी भी कार्य स्थगन प्रस्ताव का सामना करने के लिए संसद में उसके पास संख्याबल है और साथ ही संकेत दिया कि तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक को साथ ले लिया जाएगा।

 

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हमारे पास संख्या बल है। अगर हम कालाधन पर कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार करने के लिए सहमत थे तो हमने अपने सदस्यों की गिनती किए  बगैर ऐसा नहीं किया होगा। उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि कांग्रेस लोकसभा में अपने संख्या बल को लेकर आशंकित है और इसलिए वह विपक्ष के कार्यस्थगन प्रस्ताव को स्वीकार नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि संख्या बल के बारे में बहस करना अनावश्यक है।

 

यह पूछे जाने पर कि क्या वह संप्रग के घटक तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक के समर्थन को लेकर पूरी तरह से पक्की है जो अब तक खुदरा व्यापार के क्षेत्र में विदेशी निवेश का जोरदार विरोध कर रहे हैं, तिवारी ने कहा कि जहां तक सहयोगियों का सवाल है हम उनसे बातचीत कर रहे हैं और अंत में एक रचनात्मक हल जरूर निकलेगा। उस बातचीत को एक अंजाम तक पहुंचने दीजिए।

 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने सोच समझ कर फैसला किया है और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इस बात को कह चुके हैं। कांग्रेस इस फैसले का पूरा समर्थन करती है। संवाददाताओं ने उनसे पूछा था कि क्या वह फैसले को वापस लेने को पूरी तरह से इंकार कर रहे हैं।

 

तिवारी ने कहा कि एफडीआई के विरोध को मोटे तौर पर तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है । इस मुद्दे पर वामदलों का विरोध वैचारिक है जबकि भाजपा का रुख अवसरवादी है। संप्रग के कुछ घटक दलों सहित अन्य लोगों का रुख सतर्क आशंकाओं की श्रेणी में आता है । यह पूछे जाने पर कि पार्टी के कुछ सांसदों के विरोध को वह किस श्रेणी में रखेंगे तिवारी ने कहा, ‘हम व्यक्तियों पर टिप्पणी नहीं करते।’

 

यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस ऐसे समय में यह फैसला किए जाने को उचित मानती है जब संसद का सत्र चल रहा हो, पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि सरकार को अपने कार्यकाल के दौरान किसी भी समय कोई नीतिगत फैसले की घोषणा करने का पूरा अधिकार है।

First Published: Thursday, December 1, 2011, 13:15

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