एफडीआई पर गतिरोध दूर करने को सुषमा, जेटली से मिलेंगे कमलनाथ

एफडीआई पर गतिरोध दूर करने को सुषमा, जेटली से मिलेंगे कमलनाथ

एफडीआई पर गतिरोध दूर करने को सुषमा, जेटली से मिलेंगे कमलनाथज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को लेकर संसद में पिछले चार दिन से जारी गतिरोध के बीच सरकार ने बीते दिन विश्वास जताया कि मतविभाजन की स्थिति में विपक्ष को परास्त करने के लिए उसके पास आवश्यक आंकड़े हैं और एक तरह से सरकार इस मसले पर संसद में वोटिंग को लेकर सहमत है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, कहा जा रहा है कि सरकार नियम 184 के तहत इस मसले पर बहस को लेकर सहमत है। बता दें कि इस नियम के तहत बहस होने के बाद वोटिंग की जाती है।

एक अन्‍य रिपोर्ट के अनुसार, संसदीय मामलों के मंत्री कमलनाथ भाजपा नेता सुषमा स्‍वराज और अरुण जेटली से बुधवार को मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में एफडीआई मसले पर बहस और वोटिंग को लेकर चर्चा की जाएगी। जिक्र योग्‍य है कि गुरुनानक जयंती के चलते संसद में आज अवकाश रहेगा।

गौर हो कि रिटेल सेक्‍टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को लेकर जारी गतिरोध के बीच यूपीए के समन्‍वय समिति की बैठक मंगलवार को हुई। इस बैठक में यह तय किया गया कि संसद में एफडीआई पर किस नियम के तहत हो, इसका निर्णस स्‍पीकर करेंगी। केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने कहा था कि एफडीआई पर किसी नियम के तहत बहस हो, यह स्‍पीकर तय करेंगी। इस मसले पर संसदीय कार्यमंत्री बुधवार को स्‍पीकर से मिलेंगे और बात करेंगे। स्‍पीकर ही संसद में एफडीआई पर बहस के नियम को तय करेंगी।

(एफडीआई के मुद्दे पर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता अरुण जेटली से मुलाकात करेंगे। सरकारी सूत्रों के अनुसार कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई पर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए कमलनाथ बुधवार को जेटली से मुलाकात करने वाले हैं। सरकार ने मंगलवार को भरोसा जताया था कि उसके पास संसद में एफडीआई पर विपक्ष का सामना करने के लिए पर्याप्त बहुमत है।

संसद का शीतकालीन सत्र एफडीआई के मसले पर विपक्ष के हंगामे की वजह से बाधित रहा है। विपक्ष इस मुद्दे पर वोटिंग के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराए जाने की मांग कर रहा है।

एफडीआई को लेकर जारी गतिरोध के बीच सरकार इस बात को लेकर आश्‍वस्‍त है कि मतविभाजन की स्थिति में विपक्ष को परास्त करने के लिए उसके पास आवश्यक आंकड़े हैं। खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) लोकसभा में अपने सदस्यों की संख्या को लेकर आश्वस्त है। एफडीआई के मुद्दे पर संप्रग के घटक दलों के बीच सहमति कायम करने के लिए बुलाई गई संप्रग की समन्वय समिति की बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि संख्या बल को लेकर हम आश्वस्त हैं।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने भी संवाददाताओं से कहा कि संप्रग एकजुट है और इसके सभी घटक दल संसद में किसी भी बहस पर सरकार के साथ हैं। उन्होंने कहा कि सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में भी मुद्दा चर्चा था, न कि इस पर मतविभाजन। मंत्री ने कहा कि मैं इस मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष से मशविरा करूंगा।

उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार किसी भी नियम के तहत चर्चा कराए जाने के खिलाफ नहीं है। हम मतदान को लेकर चिंतित नहीं हैं। बैठक में शामिल अधिकतर सदस्यों ने किसी भी नियम के तहत चर्चा कराए जाने का समर्थन किया। इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष को अवगत कराऊंगा। इस पर फैसला वही करेंगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वामपंथी दल इस मुद्दे पर वोटिंग के प्रावधान वाले नियम 184 के तहत चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं। कमलनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार किसी भी नियम के तहत चर्चा कराए जाने के खिलाफ नहीं है। हम मतदान को लेकर चिंतित नहीं हैं।

खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ विपक्षी दलों के हंगामे के कारण मंगलवार को लगातार चौथे दिन संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही बाधित हुई। कमलनाथ ने कहा कि बैठक में शामिल अत्यधिक सदस्यों ने किसी भी नियम के तहत चर्चा कराए जाने का समर्थन किया। इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष को अवगत कराऊंगा। इस पर फैसला वही करेंगी। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) और तृणमूल कांग्रेस उन पार्टियों में हैं, जो खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के मुद्दे पर वोटिंग के प्रावधान वाले नियम के तहत ही चर्चा कराए जाने पर अड़े नहीं हैं। इससे सरकार की मुश्किल आसान हो गई है। बीते दिनों डीएमके ने इस मसले पर सरकार का साथ देने की घोषणा की।

उधर, प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केंद्र सरकार पर एफडीआई के लिए जरूरी संख्या जुटाने में संसद का चार दिन बर्बाद करने का आरोप लगाया। भाजपा ने कहा कि सरकार को अब घोषणा करनी चाहिए कि वह इस मुद्दे पर नियम 184 के तहत चर्चा एवं मतदान के लिए तैयार है।

First Published: Wednesday, November 28, 2012, 10:18

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