Last Updated: Thursday, December 6, 2012, 16:19

नई दिल्ली : बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को लेकर गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अरुण जेटली ने कहा कि केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के गिने-चुने दिन बचे हैं। लोकसभा में पर्याप्त संख्या बल जुटाने के लिए वह दूसरी पार्टियों पर निर्भर थी। सदन में उसने जिस तरह जीत हासिल की, उसकी बड़ी कीमत उसे चुकानी पड़ेगी।
जेटली ने कहा, 'सरकार लोकसभा में 272 के आंकड़े तक पहुंच नहीं पाई। 254 के आंकड़े को सरकार जीत के रूप में नहीं देख सकती। जब आपके पास बहुमत से 18 कम संख्या है तो आप सरकार नहीं चला सकते। लोकसभा के आंकड़ों को देखते हुए लगता है कि सरकार के दिन लद गए हैं। वह जल्द ही जाने वाली है।'
उन्होंने कहा कि सरकार अन्य दलों पर निर्भर थी और इसकी उसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा, 'यह महंगा समर्थन था। आपको (सरकार) हर दिन इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। हम देखेंगे कि आने वाले दिनों में यह समर्थन किस प्रकार देश के प्रशासन को प्रभावित करता है।'
जेटली ने कहा कि भाजपा एफडीआई के खिलाफ नहीं है। मुद्दा यह है कि इसकी अनुमति किस क्षेत्र में दी जाए। इसका फैसला देश करे कि एफडीआई किस सेक्टर में लाया जाए। उन्होंने कहा, 'क्या कुछ पश्चिमी देश भारत में आर्थिक नीतियों का मानदंड तय करेंगे? हम एफडीआई के खिलाफ कभी नहीं रहे। लेकिन यह किस क्षेत्र में होना चाहिए, इसे सावधानीपूर्वक देखने की जरूरत है। देश को सभी क्षेत्रों में एफडीआई से होने वाले नुकसान एवं फायदे के आधार पर यह निर्णय लेना चाहिए।' (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 6, 2012, 08:49