एफडीआई पर सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक - Zee News हिंदी

एफडीआई पर सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी

 

संसद में पिछले पांच दिनों से जारी गतिरोध दूर करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। खुदरा एफडीआई का फैसला वापस नहीं लिए जाने की स्थिति में संसद नहीं चलने देने पर आमादा विपक्ष के तेवर को देखते हुए सरकार ने इस मुददे पर चर्चा के लिए मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है ।

 

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर इस बारे में परामर्श भी किया। राजग संयोजक शरद यादव ने कहा कि कांग्रेस ऐसे वक्त संसद को चलने नहीं देना चाहती है, जब महंगाई और काले धन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी है। यादव और भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जब तक सरकार एफडीआई पर फैसला वापस नहीं लेती, संसद के चलने देने का सवाल ही नहीं उठता।

 

शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में जबर्दस्त हंगामे का सबब बना खुदरा एफडीआई मुद्दा आज भी छाया रहा और लोकसभा एवं राज्यसभा की बैठक दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। शीतकालीन सत्र के शुरुआती पांच कार्यदिवस इस सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। इस मुद्दे पर संप्रग के दो महत्वपूर्ण घटक दलों तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक ने सरकार का कडा विरोध किया है। संप्रग सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे सपा और बसपा ने भी इस फैसले के लिए सरकार की आलोचना की है। हालांकि संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि सरकार को मालूम है कि एफडीआई का यह फैसला व्यापक देशहित में है और इससे समाज के हर वर्ग को फायदा होगा।

 

मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई को तत्काल वापल लेने की मांग करते हुए तृणमूल कांग्रेस संसदीय पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा कि अब वह (सरकार) एफडीआई पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात कह रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि जब आपने पहले ही यह निर्णय कर लिया है तब इसका औचित्य क्या है। हम एफडीआई संबंधी निर्णय को तत्काल वापस लिए जाने की मांग करते हैं।

 

संप्रग सरकार को बाहर से समर्थन दे रही सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा कि कोई भी रिटेल चेन अगर उत्तर प्रदेश में खुली तो उसे जला दिया जाएगा । इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि ने रिटेल एफडीआई फैसले को खतरनाक करार दिया। उन्होंने सरकार से यह फैसला वापस लेने को कहा। भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने इस फैसले को प्रधानमंत्री की ओर से कल बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से पहले वापस लेने की मांग की। उसने आरोप लगाया कि सरकार ने उकसाने और महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान हटाने के इरादे से जनभावना, गठबंधन धर्म तथा विपक्ष को नजरंदाज करते हुए यह फैसला किया है।

 

लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा, जदयू, वामदल, समेत पूरा विपक्ष और सरकार में शामिल तृणमूल कांग्रेस एवं सरकार को बाहर से समर्थन दे रही बसपा और सपा मल्टी ब्रांड क्षेत्र में एफडीआई के खिलाफ है। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि सदन नहीं चल रहा है । इसकी जिम्मेदारी सरकार की है। अब गेंद सरकार के पाले में है। उन्होंने कहा कि यह सरकार को तय करना है कि वह सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाना चाहती है या नहीं।

 

सरकार ने बहु ब्रांड खुदरा (मल्टीब्रांड रिटेल) क्षेत्र में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी है, जिसके बाद अगले ही दिन संसद के दोनों सदनों में जबर्दस्त हंगामा हुआ। दोनों ही सदनों की आज बैठक शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न पार्टियों के सदस्य खुदरा एफडीआई के विरोध में नारेबाजी करने लगे। भाजपा और वाम सदस्यों ने इस मुद्दे पर पोस्टर और बैनर लहराए। भाजपा सहित कई दलों ने इस मुद्दे को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिए हैं। दोनों ही सदनों में बैठक एक बार के स्थगन के बाद भारी हंगामे के चलते पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

First Published: Tuesday, November 29, 2011, 12:05

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