Last Updated: Friday, November 25, 2011, 18:02
नई दिल्ली : खुदरा व्यापार के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी दिए जाने के मुद्दे पर विपक्ष और अपने सहयोगी तृणमूल कांग्रेस के बढ़ते विरोध के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार के इस निर्णय के बाद की स्थिति की समीक्षा की और इसे वापस लिए जाने का कोई संकेत नहीं दिया।
इस मामले पर कैबिनेट की मंजूरी से पहले तक चुप्पी साधे कांग्रेस ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। संसदीय कायमंत्री पवन कुमार बंसल ने संवाददाताओं से कहा, ‘जो सरकार में हैं वह सभी इसका समर्थन कर रहे हैं।’
संसद में आज विपक्ष के साथ-साथ संप्रग के प्रमुख घटक तृणमूल कांग्रेस ने खुदरा व्यापार के क्षेत्र में एफडीआई का जमकर विरोध किया। इस मुद्दे पर ममता बनर्जी की चिंताओं की परोक्ष रूप से चर्चा करते हुए बंसल ने कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने सभी संबंधित पक्षों से चर्चा की है। तृणमूल कांग्रेस के अलावा राजग के प्रमुख घटक अकाली दल को छोड़ कर पूरा विपक्ष एफडीआई के सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध कर रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भाजपा नेता उमा भारती के बयान पर भी कड़ी प्रतिक्रिया जताई और कहा कि उन लोगों से आप इससे ज्यादा और क्या उम्मीद कर सकते हैं जो सहिष्णुता का उपदेश देते हैं और हिंसा करते हैं। बंसल ने कहा कि सरकार लोकसभा में महंगाई पर चर्चा कराने पर विचार कर रही है। उन्होंने
कहा कि वाम दलों और मुरली मनोहर जोशी आदि भाजपा नेताओं के खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाने की संभावना है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो उस दिन सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों के लिए एक व्हिप जारी किया जाएगा।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, November 26, 2011, 00:11