Last Updated: Sunday, February 10, 2013, 15:14
नई दिल्ली : भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) के भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे होने के मद्देनजर सरकार ‘नैतिक भ्रष्टाचार’ में संलिप्त पाए जाने पर इसके अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को हटाने का अधिकार अपने हाथ में लेने की योजना बना रही है।
सरकार ने भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक, 2013 के जरिए एमसीआई पर लागू होने वाले कानून में बदलाव लाने का प्रस्ताव रखा है जिसपर स्वास्थ्य मंत्रालय विचार कर रहा है। प्रस्तावित विधेयक में नये प्रावधान के जरिए एमसीआई या राज्य परिषदों द्वारा रखे जाने वाले रजिस्टरों में हर 10 साल में चिकित्सकों के नामांकन के नवीकरण को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव है।
एकबार विधेयक अधिनियम बन जाएगा तो जिन चिकित्सकों के इंडियन मेडिकल रजिस्टर या राज्य चिकित्सा रजिस्टर में नामांकन के 10 साल हो गए होंगे उन्हें एक साल के भीतर नवीकरण के लिए आवेदन देना होगा। कुछ साल पहले भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरने के बाद काउन्सिल के कामकाज को देखने की जिम्मेदारी काउन्सिल की जगह संचालक मंडल को दी गई थी।
विधेयक में इस बात का प्रस्ताव है कि एक व्यक्ति अध्यक्ष या उपाध्यक्ष सिर्फ दो कार्यकाल के लिए रह सकता है। शुरूआती मसौदे के अनुसार काउन्सिल के कार्यकाल को मौजूदा पांच साल से घटाकर चार साल कर दिया गया है। एक नयी धारा छोड़ी गई है जिसके तहत केंद्र को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या सदस्य को दिवालिया घोषित हो जाने, शारीरिक और मानसिक तौर पर अक्षम हो जाने और अदालत द्वारा ‘मतिशून्य’ घोषित किए जाने पर उन्हें हटाने की शक्ति दी गई है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 10, 2013, 15:14