‘एशिया, अफ्रीका के समक्ष खतरनाक चुनौतियां’ - Zee News हिंदी

‘एशिया, अफ्रीका के समक्ष खतरनाक चुनौतियां’


नई दिल्ली : एशिया और अफ्रीका में दुनिया के गरीबों की तीन-चौथाई आबादी होने की बात कहते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि सतत विकास की बुनियादी जरूरत ग्रामीण पुनर्निमाण व गरीबी उन्मूलन है। एफ्रो-एशियन रूरल डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन के स्वर्ण जयंती समारोह में उद्घाटन भाषण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों महाद्वीपों के लोग जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, वे खतरनाक हैं।

 

उन्होंने कहा कि बीती शताब्दी के ज्यादातर हिस्से में अफ्रीका व एशिया के लोगों ने खुद को औपनिवेशिक वर्चस्व से स्वतंत्र कराने के लिए कंधे से कंधे मिलाकर लड़ाई की है। वर्तमान में हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, वे अलग हैं लेकिन उतनी ही खतरनाक हैं। अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए खतरा पैदा हो गया है। वैश्विकरण की प्रक्रिया और राष्ट्रों के बीच बढ़ती परस्पर निर्भरता हमारे सतत आर्थिक विकास के लिए चुनौतियां पेश कर रही है। सिंह ने कहा कि दोनों महाद्वीपों के देशों में लाखों लोगों को पोषक आहार, स्वच्छ पेयजल, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों महाद्वीपों में एफ्रो-एशियन रूरल डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन की भूख, रोगों और भेदभाव से संयुक्त रूप से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया के गरीबों का तीन-चौथाई हिस्सा एशिया व अफ्रीका में रहता है। सतत विकास व समावेशी विकास की हमारी योजनाओं के लिए ग्रामीण पुनर्निमाण और गरीबी उन्मूलन महत्वपूर्ण हैं।

(एजेंसी)

First Published: Monday, March 5, 2012, 13:37

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