Last Updated: Tuesday, July 16, 2013, 14:21
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : एसिड की खुली बिक्री पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। देश भर में बीते दिनों हुए कई एसिड अटैक के मामले को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को ड्राफ्ट दिया है। यह ड्राफ्ट एसिड अटैक पीडि़तों के पुनर्वास को लेकर है। इसके अनुसार, केंद्र ने अब एसिड को अब जहर की श्रेणी में रखने का फैसला किया है। इस मामले में अब दो दिन बाद सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई होगी। इसके अलावा, एसिड बिक्री के लिए अब लाइसेंस को जरूरी कर दिया गया है। एसिड की खरीद के लिए पहचान को भी अनिवार्य बनाया गया है।
गौर हो कि एसिड अटैक को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से सरकार को दी गई डेडलाइन मंगलवार को खत्म हो गई। इससे पहले, कोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा था। कोर्ट ने कहा था कि लोग अपने जान गंवा रहे हैं और सरकार गंभीर नहीं है। अगर एक सप्ताह के भीतर इस पर कोई नीति नहीं बनाई जाती तो कोर्ट स्वयं इस बारे में आदेश पारित करेगी।
न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सरकार के रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए 9 जुलाई को कहा था कि तेजाब के हमलों से रोजाना लोग मर रहे हैं, लेकिन कोर्ट को 16 अप्रैल को आश्वासन देने के बावजूद केंद्र इस बारे में नीति तैयार करने में विफल रहा है। न्यायाधीशों ने राज्य सरकारों से परामर्श करके नीति तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को एक सप्ताह का समय देते हुए कहा था, इस मसले के प्रति सरकार की गंभीरता नजर नहीं आती है। लोग मर रहे हैं लेकिन आपको इसकी परवाह नहीं है। उन लोगों के बारे में सोचिए जो रोजाना जिंदगी गंवा रहे हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में रोजाना लड़कियों पर हमले हो रहे हैं।
दरअसल कोर्ट ने अप्रैल में आदेश पारित किया था लेकिन सरकार इसके बावजूद बाजार में तेजाब की बिक्री को नियंत्रित करने की नीति तैयार करने में विफल रही। न्यायालय ने कहा था कि अगर 16 जुलाई तक सरकार इस बारे में कोई नीति तैयार करने में विफल रहती है तो फिर वह उचित आदेश पारित करेगी।
First Published: Tuesday, July 16, 2013, 14:21