ऑपरेशन ब्लू स्टार : लेफ्टिनेंट जनरल बरार पर लंदन में हमला

ऑपरेशन ब्लू स्टार : लेफ्टिनेंट जनरल बरार पर लंदन में हमला

ऑपरेशन ब्लू स्टार : लेफ्टिनेंट जनरल बरार पर लंदन में हमलालंदन : वर्ष 1984 में स्वर्ण मंदिर से सिख आतंकियों को खदेड़ बाहर करने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार का नेतृत्व करने वाले सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल के एस बराड़ कल रात मध्य लंदन में चाकू से लैस चार लोगों के हमले में घायल हो गए। एक दावत में हिस्सा लेने के बाद 78 वर्षीय लेफ्टिनेंट जनरल बराड़ अपनी पत्नी के साथ अपने होटल की ओर आ रहे थे। तभी यह हमला हुआ।

एक टेलीविजन चैनल ने उनकी पत्नी के हवाले से बताया है कि तीन दाढ़ीधारी व्यक्ति ने बराड़ पर हमला कर दिया और उनका गला काटने की कोशिश की। बहरहाल, वह इस नतीजे पर नहीं पहुंच पायी कि हमलावर सिख थे या कोई और। बराड़ को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुयी है।
पूर्व सैन्यकर्मी को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां एक सर्जरी और उनके जख्मों की स्टिच के बाद आज छुट्टी दे दी गयी।

बहरहाल, न तो अभी हमलावर की पहचान स्पष्ट नहीं हो पायी है और न ही यह कि क्या ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ में उनकी भूमिका के कारण यह हमला हुआ। सूत्रों ने बताया कि यह घटना हाइड पार्क के निकट ओल्ड क्वेबेक स्ट्रीट में भारतीय समयानुसार रात में एक बजे हुयी। उस वक्त वह अपनी पत्नी के साथ थे। दोनों अभी लंदन में एक निजी दौरे पर है। लंदन एंबुलेंस सर्विस (एलएएस) के एंबुलेंस से बराड़ को अस्पताल ले जाया गया। लंदन में भारतीय उच्चायोग के सैन्य अताशे ले. जनरल बराड़ से मिलने अस्पताल गए और उनकी हालचाल की जानकारी ली। यह जानकारी सपष्ट नहीं है कि क्या उन्हें लंदन में सुरक्षा मिली हुयी थी या नहीं।

स्कॉटलैंड यार्ड ने बताया कि जांच जारी है लेकिन अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। यार्ड के एक प्रवक्ता ने कहा, अधिकारी और एलएएस घटनास्थल पर पहुंचे। वहां उन्होंने पाया कि 70-75 साल के एक व्यक्ति घायल है। संभवत: वह चाकू के हमले से घायल हुए। प्रवक्ता ने बताया, व्यक्ति को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी स्थिति नाजुक बनी हुयी है। बहरहाल, माना जाता है कि उनकी जान को खतरा नहीं है।’’ सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने भारतीय उच्चायुक्त जे भगवती से बातचीत कर जनरल बराड़ के बारे में जानकारी ली। कृष्णा अभी न्यूयार्क में हैं।

वर्ष 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार में केंद्रीय भूमिका के कारण बराड़ विभिन्न चरमपंथियों और आतंकी संगठनों के निशाने पर रहे हैं। ऑपरेशन का मकसद खालिस्तानी आतंकियों और जरनैल सिंह भिंडरावाले को स्वर्ण मंदिर से बाहर निकालना था। ये आतंकवादी सिखों के लिए खालिस्तान की मांग कर रहे थे। जनरल एएस वैद्य 1984 में सेना प्रमुख थे, जब काफी विवादास्पद ऑपरेशन ब्लू स्टार की योजना बनायी गयी थी। 1986 में पुणे में वैद्य की गोली मार कर हत्या कर दी गयी। (एजेंसी)

First Published: Monday, October 1, 2012, 20:42

comments powered by Disqus