Last Updated: Wednesday, December 28, 2011, 15:35
नई दिल्ली : सरकार ने बुधवार को दावा किया कि उसके पास अन्य पिछड़ा वर्ग के कोटे में कोटे का प्रावधान करने का वैध अधिकार है और इसी के तहत अल्पसंख्यक समुदाय को ओबीसी कोटे में 4.5 प्रतिशत कोटे का प्रावधान किया गया है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज लोकसभा में कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय का केवल पिछड़ा वर्ग ही 4.5 प्रतिशत के कोटे का लाभ प्राप्त कर सकता है। इसलिए ओबीसी की सूची में उसे सम्मिलित करने या सम्मिलित नहीं करने की बात अल्पसंख्यकों के पिछड़ेपन के आधार पर होगी. जैसा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992 की धारा 2 (ग) में व्यवस्था दी गई है।
अल्पसंख्यकों में मुसलमान, ईसाई, सिख, बौध और पारसी आते हैं। मंत्री ने कहा कि इंदिरा साहनी मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि सरकार के पास ओबीसी कोटे में कोटे का प्रावधान करने का वैध अधिकार है जिसमें ओबीसी की विस्तृत श्रेणी में शामिल जातियों और समुदायों को आरक्षण का लाभ वितरित हो सके।
उन्होंने कहा कि यह आरक्षण केंद्र सरकार की नौकरियों और सेवाओं के लिए तथा केंद्र सरकार के शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए भी लागू होगा। खुर्शीद ने कहा कि मंडल आयोग ने 1931 की जनगणना के अनुसार ओबीसी की आबादी 52 प्रतिशत होने का उल्लेख करते हुए इसी आधार पर ओबीसी आरक्षण की सिफारिश की थी। ओबीसी की कुल आबादी में हिंदू समुदाय के अन्य पिछड़े वर्ग की संख्या 43.60 प्रतिशत और गैर हिन्दू समुदाय के ओबीसी की आबादी 8.4 प्रतिशत होने के मद्देनजर मध्य आबादी अनुपात के तहत अल्पसंख्यकों के लिए 4.5 प्रतिशत कोटा निर्धारित किया।
सच्चर समिति ने भी मुसलमानों के लिए सकारात्मक आरक्षण की अनुशंसा की थी। मंत्री ने कहा कि 2011 की जनगणना के आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं है और जाति आधारित जनगणना संबंधी आंकड़े भी उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए 1931 की जनगणना संबंधी आंकड़ों के आधार पर किये गए आकलनों पर आज भी विचार किया जा रहा है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 28, 2011, 21:05