Last Updated: Thursday, June 27, 2013, 10:39
ज़ी मीडिया ब्यूरोश्रीनगर : पवित्र अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था आज तड़के यानी 27 जून की सुबह रवाना हो गया। अगर मौसम ने साथ दिया तो 28 जून को पहले जत्थे के श्रद्धालु 14500 फुट की ऊंचाई पर बनने वाले हिमलिंग के प्रथम दर्शन करेंगे। यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर सेना समेत एक लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी करीब 55 दिनों तक लखनपुर से लेकर गुफा तक भक्तों की सेवा में लगे रहेंगे। प्रतिदिन 15 हजार श्रद्धालुओं को पहलगाम तथा बालटाल के रास्ते अमरनाथ यात्रा में शामिल होने की अनुमति दी गई है। अभी तक करीब 3 लाख श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा चुके हैं।
यात्रा का मुख्य बेस कैंप जम्मू के यात्री भवन में बनाया गया है जहां पिछले कई दिनों से चल रही तैयारियों को दो दिनों की बारिश ने तहस-नहस कर दिया है। ऐसे में श्रद्धालुओं को चिंता इस बात की है कि खराब मौसम से यात्रा मार्ग में परेशानी हो सकती है। दोनों मार्गों पर दो दिनों से मौसम अटखेलियां कर रहा है। जम्मू से लेकर बालटाल तथा पहलगाम तक के यात्रा मार्ग की सुरक्षा को सीआरपीएफ के हवाले किया जा चुका है। पहलगाम से गुफा तथा बालटाल से गुफा तक के रास्तों पर सेना और बीएसएफ भी स्थानीय पुलिस का साथ दे रही है। एक अनुमान के मुताबिक कुल एक लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी यात्रा के मोर्चे पर तैनात किए जा चुके हैं।
अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरा होने की बात को स्वीकार करते हुए सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह पहले ही कर चुके हैं कि सेना के पास ऐसी किसी भी घटना की रोकथाम के लिए ‘कार्रवाई योजना’ है। सिंह का कहना है, `इस तरह का खतरा हमेशा से रहा है। लेकिन हमारी कार्रवाई योजना लागू है। हम (अमरनाथ) यात्रा के लिए और मार्ग के आसपास राज्य पुलिस एवं केन्द्रीय अद्धसैनिकों के साथ अपनी तैनाती करते हैं। ऐसी किसी भी घटना को विफल करने का हमारा प्रयास होगा।’ केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने कहा था कि अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरा है और सरकार तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी प्रयास कर रही है।
First Published: Thursday, June 27, 2013, 08:50