कदाचार मामला: बालाकृष्णन पर फैसला सुरक्षित - Zee News हिंदी

कदाचार मामला: बालाकृष्णन पर फैसला सुरक्षित


नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति के. जी. बालाकृष्णन के खिलाफ कथित कदाचार के मामले में 'प्रेजीडेंशियल रेफरेंस' का अनुरोध करने वाली याचिका पर सोमवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति बालाकृष्णन पर कदाचार के आरोप वर्ष 2007-10 के दौरान के उनके कार्यकाल को लेकर लगे हैं।

 

याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि वर्ष 2007-10 के बीच बालाकृष्णन के सर्वोच्च न्यायालय में रहने के दौरान उनके दो दामादों और भाई ने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक मात्रा में सम्पत्ति अर्जित की। न्यायमूर्ति बालाकृष्णन के खिलाफ याचिकाएं गैर सरकारी संगठन ने दायर की थी। अपनी याचिकाओं में उन्होंने न्यायमूर्ति बालाकृष्णन को एनएचआरसी के अध्यक्ष पद से हटाने का भी अनुरोध किया। न्यायालय ने शर्मा की याचिका खारिज कर दी।

 

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्यायमूर्ति जेएस. खेहर की पीठ को बताया गया कि न्यायमूर्ति बालकृष्णन के आधिकारिक रसोइये को तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री के विवेकाधीन कोटे से दो प्लॉट आवंटित किए गए। न्यायालय ने 'कॉमन कॉज' के वकील प्रशांत भूषण से पूछा कि क्या न्यायालय न्यायमूर्ति बालाकृष्णन के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए सरकार से 'प्रजीडेंशियल रेफरेंस' के लिए कह सकता है?

 

इस पर प्रशांत ने न्यायालय को बताया कि यह स्पष्ट मामला है और सच्चाई सामने लाने के लिए न्यायालय का हस्तक्षेप ही एकमात्र तरीका है, क्योंकि न्यायमूर्ति बालाकृष्णन के खिलाफ शिकायत को लेकर सरकार पिछले एक साल में निर्णय नहीं ले पाई। प्रशांत ने न्यायालय से कहा कि उन्होंने न्यायमूर्ति बालाकृष्णन के खिलाफ अपने आरोपों के समर्थन में सभी दस्तावेज एक जनवरी, 2011 को प्रधानमंत्री को भेजा था, लेकिन उन्हें अब तक इसका जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश के रसोइये को दो प्लॉट का आवंटन बिना प्रभाव के इस्तेमाल के नहीं हो सकता।

(एजेंसी)

First Published: Monday, May 7, 2012, 21:36

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