कभी लौटकर पाकिस्तान नहीं जाऊंगा: सुरजीत

कभी लौटकर पाकिस्तान नहीं जाऊंगा: सुरजीत


अटारी (पंजाब) : पाकिस्तान में 30 साल से अधिक समय तक कैद रहे सुरजीत सिंह गुरुवार को स्वदेश लौटे। भारत की सरजमीं पर कदम रखने के तुरंत बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि 30 साल बाद वतन में वापसी और अपने बच्चों से मिलकर मैं बहुत खुश हूं। सिर हिलाकर और उंगलियों से संकेत करते हुए उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मैं फिर कभी लौटकर पाकिस्तान नहीं जाऊंगा।

उन्होंने कहा कि मुझे पहले ही जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अगर मैं फिर वहां जाऊंगा तो सुरक्षा एजेंसिंयों को संदेह होगा कि मैं फिर जासूसी करने आया हूं। सुरजीत ने यह भी कहा कि सीमा के दोनों तरफ की सरकारों को अपने यहां बंद कैदियों को रिहा कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जेल के अधिकारियों ने मेरे साथ अच्छा बर्ताव किया मैं उनका शुक्रगुजार हूं।

जासूसी के आरोप में 80 के दशक की शुरुआत में पाकिस्तान में गिरफ्तार किए गए 69 वर्षीय सुरजीत की गुरुवार तड़के लाहौर की कोट लखपत जेल से रिहाई हो गई। भारतीय सीमा में प्रवेश से पहले वह सड़क मार्ग से पाकिस्तान की वाघा सीमा पर पहुंचे। परिवार और मित्रों ने खुशी के आंसू भरी आखों से उनका स्वागत किया।

सफेद कुर्ता-पायजामा पहने और काले रंग की पगड़ी बांधे सुरजीत के साथ दो बैग थे। वह पुलिस की गाड़ी से वाघा पहुंचे। जब वह गाड़ी से उतरे तो उनके हाथों में हथकड़ी थी। वह मुस्कुरा रहे थे और उन्होंने अपने वकील को गले लगाया। एक बार सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद वह सीमा पार कर भारतीय जमीन पर आ गए और अपने परिवार व दोस्तों से मिले।

एक अन्य भारतीय कैदी सरबजीत सिंह भी सुरजीत के साथ कोट लखपत जेल में ही बंद हैं। वह भी पंजाब के रहने वाले हैं और शुरू में उन्हीं की रिहाई की बात हुई थी, लेकिन बाद में पाकिस्तान पलट गया। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की ओर से मंगलवार को घोषणा की गई थी कि आतंकवादी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के आरोप में मृत्युदंड की सजा का सामना कर रहे सरबजीत को रिहा कर दिया जाएगा, क्योंकि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने उन्हें क्षमादान दे दिया है। लेकिन बाद में स्पष्ट किया गया कि सरबजीत को नहीं, सुरजीत सिंह की रिहाई होगी। (एजेंसी)

First Published: Thursday, June 28, 2012, 21:21

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