`कमियों के विषय में बात करना अपराध है तो हजार बार करूंगी`

`कमियों के विषय में बात करना अपराध है तो हजार बार करूंगी`

`कमियों के विषय में बात करना अपराध है तो हजार बार करूंगी`कोलकाता : न्यायपालिका पर टिप्पणी के बाद चौतरफा आलोचनाओं से घिरी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि वह अपने भाषण में सुधारों के विषय में बात कर रही थीं। राज्य सचिवालय में पत्रकारों से ममता ने कहा कि विधानसभा में मेरा भाषण रिकार्ड है। आप उसकी प्रति ले सकते हैं। मैंने चुनाव सुधार, न्यायिक सुधार और प्रशासनिक सुधार के विषय में चर्चा की थी। यदि हमारे देश में कमियों के विषय में वार्ता करना अपराध है, तो मैं इसे हजारों बार करने के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि मैं बेहद खुश हैं कि आप लोगों ने मेरे खिलाफ याचिका दायर की है। न्यायालय का निर्णय जो भी हो मैं स्वीकार करूंगी।

न्यायपालिका के बारे में कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने आज दो अखबारों और दो टीवी चैनलों को ममता बनर्जी के भाषण की रिपोर्ट की प्रमाणिकता के बारे में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। उनके खिलाफ आज दायर याचिका को कोलकाता हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया। कोर्ट ने उस भाषण की वीडियो फुटेज यानी सीडी मांगी है जिसमें ममता बनर्जी के तथाथित न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी का आरोप लगाया गया है और इसी संदर्भ में ममता के खिलाफ आज वकीलों ने याचिका दायर की।

वहीं, ममता बनर्जी ने मीडिया पर बरसते हुए कहा कि विधानसभा में दिए उनके बयान को गलत समझा गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज मीडिया के एक हिस्से पर पिछले मंगलवार को विधानसभा में न्यायपालिका पर दिए गए बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने महज मूल्य आधारित न्यायपालिका की बात कही थी।

उन्होंने कहा कि दुनिया में दोनों तरह के लोग होते हैं। अच्छे लोग और बुरे लोग। ऐसा नहीं है कि सभी राजनीतिक भ्रष्ट हों। राज्य सचिवालय में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इसी तरह, मैंने यह नहीं कहा कि सभी न्यायाधीश भ्रष्ट होते हैं। न्यायाधीश भ्रष्ट नहीं हैं। वकील भ्रष्ट नहीं हैं। मैंने ऐसा नहीं कहा। उन्होंने कहा कि मैंने मूल्य आधारित न्यायपालिका, न्यायिक सुधार, राजनीतिक सुधार , प्रशासनिक सुधार और चुनाव का खर्च सरकार द्वारा वहन किए जाने की जरूरत की बात कही थी, जिनकी आवश्यकता आजादी के समय से है। उन्होंने कहा कि अगर यह गलत है तो वह इसे हजार बार दोहराएंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने महत्वहीन न्यायपालिका के विषय में बात की। मैंने किसी भी न्यायाधीश या अधिवक्ता को भ्रष्ट नहीं कहा। सभी क्षेत्रों में अच्छे एवं बुरे लोग होते हैं। मैंने विभिन्न क्षेत्रों में मूल्यों की कमी पर बात की। इसमें क्या हानि है? ममता ने कहा कि उन्होंने अपने भाषण में न केवल न्यायपालिका बल्कि प्रशासनिक एवं राजनीति में भी मूल्यों की कमी की चर्चा की।

ममता ने न्यायिक आयोगों पर दिए गए बयान का बचाव करते हुए कहा कि यहां कई आयोग हैं और प्रतिदिन उच्च अधिकारियों को बुलाया जाता है। वे उनके (आयोगों) प्रश्नों के जवाब देने में समय व्यतीत करते हैं। प्रशासन का काम कैसे चलेगा यदि ये अधिकारी आयोगों के समक्ष उपस्थित होते रहेंगे। कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा अवमानना की याचिका स्वीकार करने पर ममता ने कहा कि वह प्रसन्न हैं और न्यायालय के निर्णय का सम्मान करेंगी।

उन्होंने कहा कि मैं बेहद खुश हैं कि आप लोगों ने मेरे खिलाफ याचिका दायर की है। न्यायालय का निर्णय जो भी हो मैं स्वीकार करूंगी। ममता ने विधानसभा के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह में न्यायपालिका के एक वर्ग में भ्रष्टाचार व्याप्त होने की बात कही थी। (एजेंसी)

First Published: Thursday, August 16, 2012, 23:02

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