Last Updated: Sunday, September 23, 2012, 15:48

ठाणे : मुम्बई में 26 नवम्बर 2008 को कहर बरपाने वाले पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को जल्द फांसी पर लटकाने के लिए देश के कोने-कोने से आवाज उठ रही है । इस कड़ी में एक शख्स ऐसा भी है जो इस आतंकी को जल्द से जल्द उसके अंजाम तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को हर रोज पत्र लिखता है।
इस शख्स का नाम नारायण पाटिल है। वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उनके पिता सेना से सेवानिवृत्त सूबेदार हैं। कसाब को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाने के लिए शनिवार तक पाटिल राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को 1,372 पत्र लिख चुके हैं।
मौत की सजा का सामना कर रहे कसाब ने हाल में राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी है। मुम्बई हमलों से सिहर उठने के बाद 42 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ने 17 दिसंबर 2008 से प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्य के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के नाम कल्याण के तहसीलदार कार्यालय में हर रोज एक पत्र डालना शुरू कर दिया। इस हरेक चिट्ठी में उनकी मांग कसाब को फांसी पर लटकाने की होती है।
पाटिल ने बताया, शनिवार तक, मैं तहसीलदार कार्यालय में 1,372 पत्र डाल चुका हूं। हर पत्र में मेरी यही मांग होती है कि कसाब को तत्काल फांसी पर लटका दिया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि कसाब जैसे आतंकवादी के लिए मृत्युदंड ही एकमात्र सजा है।
पाटिल ने कहा, हमले की निन्दा करते हुए मैंने राज्य सरकार की सुरक्षा प्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, कसाब को फांसी होने तक मैंने कोई भी त्यौहार नहीं मनाने का फैसला किया है। अब तक मैं किसी भी तरह के उत्सव से दूर रहा हूं। कल्याण के तहसीलदार शेखर घाडगे ने कहा, पाटिल दिसंबर 2008 से लगातार पत्र डाल रहे हैं जिनमें कसाब को मृत्युदंड दिए जाने की मांग होती है। हम इन पत्रों को उच्च विभागों को भेज रहे हैं। घटना को याद करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि हमले वाले दिन वह छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन से रवाना हुए ही थे कि उन्हें घटना के बारे में जानकारी मिली।
पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुम्बई में जिन जगहों पर खूनी खेल खेला, उनमें छत्रपति शिवाजी टर्मिनस भी शामिल था। पाटिल ने कहा, हमलों में मेरे एक मित्र की जान चली गई। मेरी तरह बहुत से लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों तथा मित्रों को खो दिया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 23, 2012, 15:48