Last Updated: Thursday, November 22, 2012, 15:13

जयपुर: मुम्बई में 26 नवम्बर 2008 को हुए आतंकवादी हमले के गुनाहगार अजमल आमिर कसाब को गोली चलाते देखने वाली चश्मदीद गवाह राजस्थान के पाली जिले की सुमेरपुर की रहने वाली कक्षा नौ की बच्ची देविका का कहना है कि वह आईपीएस अफसर बनकर हजारों आतंकवादियों को मारना चाहती है ।
देविका ने कहा कि मुझे राजस्थान की होने का गर्व है। जब मैं आतंकवादी हमले वाले दिन, जिस समय कसाब गोलियां चला रहा था, मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन जब कसाब को फांसी मिल गई है तो मुझे बहुत खुशी हो रही है।
देविका ने कहा कि मैं पढकर लिखकर आईपीएस अफसर बनना चाहती हूं ,सरकार ने कसाब को फांसी देने में चार साल लगा दिये लेकिन उसे उसकी सजा मिली । मैं चाहती हूं कि सरकार संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को जल्दी से जल्दी फांसी दें। कसाब को फांसी मिलने के बाद मुझे बहुत खुशी हो रही है।
देविका ने उस दिन के दुखद घटनाचक्र को याद करते हुए कहा कि मैं, पिताजी ,बडे भाई के साथ भाई से मिलने के लिए सीएसटी रेलवे स्टेशन से पुना जाने वाली थी। अचानक मैंने देखा कसाब सामने से गोलियां चला रहा था। चारों और लोग गिर रहे थे खून बह रहा था । अचानक एक गोली मेरे पांव में लगी और मैं गिर गयी। देविका ने कहा कि मुझे फिर पता नहीं लगा ,पुलिस वालों ने मुझे अस्पताल पहुंचाया और फिर होश आया तो एक पांव में जोरों से दर्द हो रहा था।
देविका ने कहा मैंने अदालत में कसाब को पहचाना और कहा कि कसाब को गोली चलाते हुए देखा हैं। मुझे गवाही देने में कोई डर नहीं लगा।
देविका से जब पुछा गया कि घर की हालत को देखते हुए आईपीएस की पढाई कैसे करोगी उसने कुछ सोचकर कहा मैं पढूंगी जब उससे पूछा गया कि सरकार ने कुछ मदद की ,उसने कहा नहीं। इधर देविका के पिता नटवर लाल और बडे भाई जयेश ने कहा कि कसाब को फांसी देने से मुझे बहुत खुशी हो रही हैं ,मुंबई आतंकवादी हमले में मारे गये शहीदों की आत्मा को शान्ति मिली है। कसाब को फांसी मिलने के बाद मुझे , देविका और सभी को शान्ति मिली है।
नटवर लाल ने कहा कि वो पल याद कर भी मैं कांप जाता हूं लेकिन मुझे खुशी है कि कसाब को उसके गुनाह की सजा मिल गयी है। देविका के भाई जयेश ने कहा कि पिताजी को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड रहा हैं । देविका को पहले कोई स्कूल प्रवेश देने को तैयार नहीं था लेकिन बाद में मुश्किल से उसे दाखिला मिला । वो पढकर लिखकर आईपीएस अधिकारी बनना चाहती है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 22, 2012, 08:15