Last Updated: Sunday, August 14, 2011, 09:32

नई दिल्ली। कांग्रेस ने अन्ना हजारे पर अब तक का सबसे तीखा हमला करते हुए हजारे को भ्रष्टाचारी करार दिया है. कांग्रेस ने पीएम पर अन्ना की टिप्पणी को लेकर नाराजगी जताते हुए अन्ना को शिष्टाचार सीखने की नसीहत दे डाली है.
वहीं अन्ना की चिट्ठी के जवाब में पीएम के जवाब पर टीम अन्ना ने हैरानी जताते हुए कहा है कि अनशन होकर ही रहेगा. मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने अन्ना के प्रति खुलकर समर्थन जाहिर किया है. नरेंद्र मोदी ने साफ कहा कि वो अन्ना हजारे के आंदोलन का समर्थन करते हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने रविवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस कर अन्ना पर जमकर हमला बोला. तिवारी ने 2005 में बने जस्टिस सावंत आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि टीम अन्ना पर फिरौती, ब्लैकमेलिंग, जबरन वसूली, गुंडागर्दी और दूसरों की संपत्ति पर कब्जा करने के आरोप हैं.
अन्ना हजारे पर भ्रष्टाचार में डूबे होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जस्टिस सावंत आयोग ने अन्ना के चार संस्थाओं की जांच की है. अन्ना के एक ट्रस्ट ने 1982 से 2002 के बीच का लेखा-जोखा नहीं दिया है. अन्ना ने अभी तक फौज की चिट्ठी का भी जवाब नहीं दिया है.
मनीष तिवारी ने कहा कि हजारे ने शिष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं. उन्होंने सिर्फ पीएम का ही नहीं, बल्कि तिरंगे का भी अपमान किया है जिसे लाल किले पर लहराने के लिए लाखों हिंदुस्तानियों ने बलिदान दिया. उन्होंने तल्ख लहजे में कहा, ‘तुम किस मुंह से भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन की बात करते हो. ऊपर से नीचे तक तुम भ्रष्टाचार में खुद लिप्त हो. ये बात हम नहीं कहते, बल्कि उच्चतम न्यायालय के जस्टिस सावंत की अगुवाई में बना जांच आयोग कहता है.'
अंत में उन्होंने अन्ना से पूछा कि ‘अगर आप नैतिकता की दुहाई देते हैं तो पहले सावंत आयोग के इल्जामों का जवाब दें.’
First Published: Sunday, August 14, 2011, 15:02