कांग्रेस पार्टी में ही है हिन्दुस्तान का डीएनए : राहुल गांधी| Rahul Gandhi

कांग्रेस पार्टी में ही है हिन्दुस्तान का डीएनए : राहुल गांधी

कांग्रेस पार्टी में ही है हिन्दुस्तान का डीएनए : राहुल गांधीजयपुर : कांग्रेस के चिन्तन शिविर सहित आज संपन्न हुए तीन दिवसीय कार्यक्रम में राहुल गांधी को उपाध्यक्ष बनाया जाना सबसे बड़ी घटना रही। अब जबकि लोकसभा चुनाव के 15 महीने बाकी हैं, कांग्रेस ने कई सुधारों और बदलावों की बात भी की है। उपाध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले भाषण में राहुल गांधी ने आज कहा कि पार्टी में उनकी नई भूमिका (उपाध्यक्ष के रूप में) एक न्यायाधीश की होगी, वकील की नहीं। राहुल ने यह भी कहा कि ये गांधीजी का संगठन है और इसी में हिन्दुस्तान का ‘डीएनए’ है।

दो दिवसीय चिन्तन शिविर और आज की अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी बैठक में युवा नेता कार्यक्रम की जान रहे। वस्तुत: राहुल कांग्रेस की बैठक की ‘थीम’ नजर आए। उनसे उम्मीद की जा रही है कि युवा कांग्रेस और एनएसयूआई में किये गये सुधारों को कांग्रेस के मूल संगठन और अन्य संबद्ध इकाइयों में भी लागू किया जाए। दिलचस्प बात है कि शिमला में 2003 के चिन्तन शिविर में कांग्रेस ने सभी धर्म निरपेक्ष ताकतों की एकजुटता की बात की थी। इसी वजह से कांग्रेस सत्ता में गठबंधन सरकार बना पायी। जयपुर घोषणा में भी कांग्रेस ने इसी तर्ज पर बात की लेकिन गठबंधन के सहयोगियों के बारे में कुछ नहीं कहा।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चिन्तन शिविर में स्पष्ट संदेश दिया कि ‘गठबंधनों के सम्मान’ और ‘पार्टी को फिर से जीवंत करने की प्रक्रिया’ से कोई समझौता नहीं करने के बीच संतुलन होना चाहिए। चिन्तन शिविर ने कांग्रेस को आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारियों के लिए मंच प्रदान किया। पार्टी ने शहरी मध्य वर्ग और युवाओं पर अधिक ध्यान देने का वायदा किया। कांग्रेस में दूसरे नंबर पर प्रमोट किये गये भावुक राहुल गांधी ने आज कहा कि पार्टी अब उनका जीवन है और उन्होंने बड़े बदलावों का वायदा करते हुए हर किसी को साथ लेकर चलने के लिए अपने को समर्पित बताया।

उपाध्यक्ष चुने जाने के एक दिन बाद राहुल ने कहा कि वह हर पार्टी नेता को समान मानेंगे और हर किसी की सुनेंगे, चाहे युवा हो या अनुभवी या महिला। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में करीब 40 मिनट के अत्यंत भावपूर्ण भाषण में राहुल ने खुलासा किया कि कल रात उनकी मां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उनके कमरे में आयीं और रो पडीं क्योंकि उन्हें पता है कि सत्ता जहर है। राहुल ने कहा कि कांग्रेस दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन जरूर है लेकिन यहां कोई नियम नहीं है। यहां नियम नहीं काम करते। शायद एक भी नियम का पालन नहीं किया जाता। नियम बनते हैं लेकिन उनकी अनदेखी होती है। कोई नहीं जानता कि वस्तुत: नियम क्या है। ‘यह एक दिलचस्प संगठन है। मुझे हैरत होती है कि यह चलता कैसे है। नियमों की आवश्यकता है।’

उनके भाषण के लिए कांग्रेसजन ने अपने-अपने स्थानों पर खड़े होकर तालियां बजायीं और उनका स्वागत किया। ऐसा करने वालों में सोनिया, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केन्द्रीय मंत्री और कई शीर्ष पार्टी नेता शामिल थे। राहुल ने कहा कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से ज्ञान हासिल करेंगे और उनकी आवाज को आगे ले जाएंगे। पार्टी में बदलावों की बात करते हुए राहुल ने कहा कि बदलाव की आवश्यकता है लेकिन भलीभांति विचार करने और सबको भरोसे में लेने के बाद ही ऐसा किया जाएगा। राहुल ने कहा कि अब कांग्रेस पार्टी उनका जीवन है और भारत की जनता उनका जीवन है। ‘मैं भारत की जनता और इस पार्टी के लिए संघर्ष करूंगा। मेरे पास जो कुछ भी है, मैं उसके साथ संघर्ष करूंगा। मैं आप सभी को आमंत्रित करता हूं कि आप भी इस संघर्ष में शामिल हों।’

सभी पार्टीजन को साथ लेकर चलने का वायदा करते हुए उन्होंने कहा, ‘पहले मैं युवा कांग्रेस और एनएसयूआई का प्रभारी एवं पार्टी महासचिव था। अब मैं कांग्रेस पार्टी का उपाध्यक्ष हूं। आपको यह नहीं महसूस करना चाहिए कि राहुल केवल युवाओं की बात करता है। राहुल के परिवार में अब सभी यानी कांग्रेस, युवा कांग्रेस और महिला कांग्रेस हैं।’ उन्होंने भावुकता से भरे अपने भाषण में कहा, ‘आज से राहुल गांधी सभी के लिए काम करेगा। मैं वायदा करना चाहता हूं कि मैं आपके साथ समानता का व्यवहार करूंगा चाहे वह युवा नेता हों, अनुभवी नेता हों या महिलाएं हों। मैं सबकी सुनूंगा।’ साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि उनकी नयी भूमिका (उपाध्यक्ष के रूप में) एक न्यायाधीश की होगी, वकील की नहीं।

राहुल ने कहा कि ये गांधीजी का संगठन है और इसी में हिन्दुस्तान का ‘डीएनए’ है। विपक्ष इस बात को नहीं समझता। विपक्षी दलों में कोई दल एक जाति का तो कोई एक धर्म का लेकिन कांग्रेस में हर जाति, धर्म, क्षेत्र और समुदाय के लोग हैं। इसके डीएनए में जात पात और सांप्रदायिकता नहीं है।

दो दिन के चिन्तन शिविर के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र की शुरूआत करते हुए सोनिया ने सुबह पार्टीजन से कहा कि उन्हें भाई भतीजावाद में नहीं फंसना चाहिए। उन्होंने आगाह किया कि लोकसभा के चुनाव में सिर्फ 15 महीने रह गए हैं और उसमें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए सबसे बड़ी चुनौती खुद की एकजुटता और अनुशासन बनाए रखने की है। देश के मध्य वर्ग का ध्यान रखते हुए सोनिया ने दिल्ली सामूहिक बलात्कार घटना के परिप्रेक्ष्य में महिला सशक्तीकरण की बात की तो सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार से लड़ाई की आवश्यकता भी जतायी।

उल्लेखनीय है कि राहुल को कल ही उपाध्यक्ष चुना गया है। दो दिवसीय चिन्तन शिविर के बाद कांग्रेस ने आज ‘जयपुर घोषणा’ जारी की। राहुल के उपाध्यक्ष चुने जाने के बाद यह तय माना जा रहा है कि पार्टी में युवाओं की भागीदारी और बढ़ेगी। अपने लगभग 40 मिनट के भाषण के बाद राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी से गले मिले और उसके बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भी गले लगे। (एजेंसी)

First Published: Sunday, January 20, 2013, 16:17

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