कांग्रेस, भाजपा की हार से तीसरे मोर्चे पर चर्चा तेज - Zee News हिंदी

कांग्रेस, भाजपा की हार से तीसरे मोर्चे पर चर्चा तेज



दिल्ली : पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के खराब प्रदर्शन ने देश में तीसरे मोर्चे के गठन की संभावना पर चर्चा तेज हो गयी है। तीसरे मोर्चे के बारे में चर्चा उस समय शुरू हुई जब शिरोमणि अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल ने 14 मार्च को अपने शपथ ग्रहण समारोह में ममता बनर्जी, जयललिता और नवीन पटनायक तथा अन्य गैर कांग्रेसी नेताओं को आमंत्रित किया।

 

बादल के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस की सहयोगी तृणमूल कांग्रेस के शामिल होने के निर्णय के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, गठबंधन सहयोगियों के दूसरों के साथ सामाजिक संबंध स्वीकार्य हैं लेकिन अगर चीजें सामाजिक शिष्टाचार की सीमा को पार करती है तब यह अनैतिक हो जाती हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजग का विस्तार करने और तीसरे मोर्चे की संभावना के सुझाव संबंधी खबर के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता एस एस आहलुवालिया ने कहा, अगर ऐसा कोई सुझाव है तब हम (राजग) इस पर चर्चा करेंगे। जद यू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि अभी देश में दो गठबंधन संप्रग और राजग है। अभी इस संभावना (तीसरे मोर्चे) के बारे में टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।

 

केंद्रीय मंत्री हरीश रावत ने तीसरे मोर्चा के फिर से उभरने के विचारों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, तीसरे मोर्चे के फिर से उभरने की कोई संभावना नहीं है। ममताजी संप्रग की महत्वपूर्ण नेता है और गठबंधन का हिस्सा हैं। सरकार अपने पांच वषरे का कार्यकाल पूरा करेगी।

 

रावत ने कहा कि गठबंधन सहयोगियों में अलग अलग विचार होने का अर्थ यह नहीं है कि सरकार में कोई मतभेद है। उन्होंने कहा,  देश की राजनीतिक वास्तविकता यह है कि क्षेत्रीय दलों को राज्यों से बाहर निकलना चाहिए। हमें यह देखना होगा कि किस प्रकार से क्षेत्रीय दल अपने क्षेत्र के लोगों का आकांक्षाओं को पूरा करते हुए राष्ट्रीय जिम्मेदारियों को पूरा करते हैं।  (एजेंसी)

First Published: Monday, March 12, 2012, 12:32

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