Last Updated: Monday, February 18, 2013, 18:55

अलीगढ़ : मुस्लिम संगठनों ने अपने एक लेख में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने के कारण भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के निशाने पर आये भारतीय प्रेस परिषद् के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कण्डेय काटजू का बचाव किया है।
मुस्लिम बुद्धिजीवियों के संगठन मिल्लत बेदारी मुहिम कमेटी के सचिव जासिम मुहम्मद ने काटजू का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने गुजरात की वास्तविक स्थिति को लेकर कुछ विचलित करने वाले सवाल उठाए हैं, जिससे तिलमिलाये भाजपा नेताओं द्वारा उन पर अपने पद से इस्तीफा देने के लिये दबाव बनाया जाना देश में मीडिया की स्वतंत्रता पर गम्भीर खतरा है।
उन्होंने कहा कि मिल्लत बेदारी मुहिम कमेटी ने एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें कहा गया है कि खूनी दंगे कराने के इल्जामात से घिरे मोदी को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिये, काटजू को नहीं। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति काटजू ने एक राष्ट्रीय दैनिक अखबार में लिखे लेख में मोदी तथा उनकी नीतियों की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि वर्ष 2002 में गोधरा में जो कुछ भी हुआ वह आज भी रहस्य है। काटजू ने यह भी कहा था कि इस बात पर यकीन करना बहुत मुश्किल है कि गुजरात दंगों में मोदी का हाथ नहीं था। काटजू के इस बयान से नाराज भाजपा नेताओं ने उनके इस्तीफे की मांग की है।
मारहरा खानकाह के सज्जादानशीं और अल-बरकात एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष प्रोफेसर सैयद मुहम्मद अमीन ने कहा कि काटजू ने हमेशा अन्याय के खिलाफ और बिना किसी का पक्ष लिये अपनी बात कही है। उन्होंने कहा कि काटजू को निशाना बनाया जाना देश में अभिव्यक्ति, न्याय तथा धर्मनिरपेक्षता के भविष्य के लिये अच्छा संकेत नहीं है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) कोर्ट के सदस्य प्रोफेसर हुमायूं मुराद ने कहा कि वह पूरी तरह न्यायमूर्ति काटजू के साथ हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 18, 2013, 18:55