काटजू को लेकर कांग्रेस-भाजपा में छिड़ी जुबानी जंग--Markandey Katju

काटजू को लेकर कांग्रेस-भाजपा में छिड़ी जुबानी जंग

काटजू को लेकर कांग्रेस-भाजपा में छिड़ी जुबानी जंगनई दिल्ली : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) मार्कण्डेय काटजू की टिप्पणियों पर तीखी जुबानी हमले शुरू हो गई हैं । काटजू के बयान से नाराज होकर भाजपा ने जहां उनके इस्तीफे की मांग की वहीं कांग्रेस उनके बचाव में खुलकर सामने आ गयी।

काटजू ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली पर आरोप लगाया कि वह तथ्यों को तोड़-मरोड़कर ‘‘गैर-जिम्मेदाराना’’ इल्जाम लगा रहे हैं। काटजू ने तो यहां तक कह डाला कि जेटली को राजनीति से ‘‘संन्यास’’ ले लेना चाहिए। गौरतलब है कि जेटली ने कल काटजू पर आरोप लगाया था कि वह ‘‘कांग्रेसजन से भी ज्यादा कांग्रेसी’’ हो गए हैं। इसके बाद जेटली की पार्टी भाजपा ने भी यह कहते हुए काटजू पर जुबानी हमले तेज कर दिए कि वह ‘‘बार-बार लक्ष्मण रेखा लांघ रहे हैं’’ और एक पूर्व न्यायाधीश को जिस तरह की भाषा इस्तेमाल करनी चाहिए वैसी नहीं कर रहे हैं।

भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि गैर-कांग्रेस शासित राज्यों के खिलाफ काटजू ‘‘अवांछित, हास्यास्पद’’ टिप्पणी कर रहे हैं, लिहाजा उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। काटजू पर पूर्वाग्रह से ग्रसित होने का आरोप लगाते हुए रूडी ने कहा कि जेटली ने बिल्कुल सही बयान दिया है कि पीसीआई प्रमुख ‘‘कांग्रेस पार्टी के विचार जाहिर करने में लगे हैं’’। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने भी जेटली के इस बयान का समर्थन किया है कि काटजू अपने पद से इस्तीफा दें ।

भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘‘मैं इस बात से सहमत हूं कि काटजू पीसीआई जैसी अहम संस्था के अध्यक्ष पद के योग्य नहीं है। उन्हें तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए। उनके इस्तीफे की बात करना बेमानी है।’’ सिन्हा ने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी के खिलाफ सबसे आपत्तिजनक आलेख लिखकर काटजू क्या जताना चाहते हैं। उन्हें राजनीति में दखल नहीं देना चाहिए क्योंकि यह फैसला करने वाले वह नहीं हैं कि देश का प्रधानमंत्री कौन बनने जा रहा है।’’ कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने यह कहते हुए काटजू का बचाव किया कि वह हमेशा निष्पक्ष रहे हैं । सिंह ने इस बात पर हैरत जतायी कि जेटली ऐसी प्रतिक्रिया क्या इस वजह से दे रहे हैं क्योंकि वह मोदी की वजह से ही राज्यसभा में चुनकर आए हैं। सिंह ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि अरुण जेटली को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष से ऐसे बयान की उम्मीद नहीं की जाती।’’
यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘‘यह काटजू के अधिकार क्षेत्र का हिस्सा नहीं है। उन्होंने असल में अपने ही विचार को पीसीआई अध्यक्ष के विचार के साथ मिलाकर इसे गफलत में डाल लिया है। लिहाजा वह पीसीआई अध्यक्ष पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं।’’ कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने जेटली के इस बयान को खारिज कर दिया कि काटजू ‘‘कांग्रेसजन से भी ज्यादा कांग्रेसी’’ हो गए हैं। सिंघवी ने सवाल किया कि क्या अब तक जिस किसी ने भी मोदी की आलोचना की वह कांग्रेसी हो गया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जेटली की प्रतिक्रिया देखकर हैरत में हूं। पिछले 11 साल में हर वर्ण, दल एवं विचारधारा के लोगों ने मोदी की आलोचना या निंदा की है। तो क्या इसका मतलब यह है कि वे सभी कांग्रेसी हैं ?’’ सिंघवी ने कहा, ‘‘जिस किसी ने भी मोदी की आलोचना की यदि वह कांग्रेसी हो गया तो फिर देश की राजनीति से वास्ता न रखने वाले हजारों लोगों ने यदि कभी ऐसा किया है, तो उन्हें निश्चित तौर पर कांग्रेस का सदस्य माना जाना चाहिए।’’ पीसीआई अध्यक्ष पर जेटली के ‘‘तीखे’’ हमलों को आड़े हाथ लेते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि काटजू हमेशा से निष्पक्ष रहे हैं और लोगों से जुड़े मुद्दों के प्रति काफी संवेदनशील भी रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘उस वक्त अरुण जेटली क्यों चुप थे जब काटजू ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ आवाज उठायी थी और इफ्तिखार गिलानी की गिरफ्तारी पर गृह मंत्रालय से विरोध जताया था ?’’
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार कांड के खिलाफ जब काटजू ने पुलिस को झिड़का था तो जेटली चुप रहे थे। दरअसल बात यह है कि भाजपा की विचारधारा फासीवादी है जो आलोचना को सह नहीं सकती।’’ काटजू ने कहा, ‘‘जेटली ने मेरे खिलाफ गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया। मुझे अहंकारी कहा और तमाम तरह की सबसे ज्यादा अभद्र भाषा उन्होंने इस्तेमाल की। उनकी हैसियत के लोगों के लिए यह सही नहीं है। लिहाजा, उन्हें ‘संन्यास’ लेकर इस्तीफा दे देना चाहिए। वह राजनीति में रहने के काबिल नहीं हैं।’’ दूसरी ओर, कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की नियमित मीडिया ब्रीफिंग के दौरान पार्टी प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने काटजू का इस्तीफा मांगने के लिए भाजपा को आड़े हाथों लिया और कहा कि अपनी कमियों के कारण भाजपा ऐसा कह रही है।

एक टेलीविजन इंटरव्यू के दौरान काटजू के बीच में ही उठ कर चले जाने के बारे में पूछने पर चौधरी ने कहा कि वह इस पर टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि उन्हें उस बातचीत के बारे में जानकारी नहीं है .. मुझे पता नहीं वाकई में क्या हुआ था। मैंने वीडियो नहीं देखा है। उसे देखने के बाद ही मैं कोई टिप्पणी कर सकती हूं।’’ इस बारे में और ज्यादा सवाल किये जाने पर उन्होंने कहा कि यह मामला एक पत्रकार और काटजू के बीच का है। (एजेंसी)

First Published: Monday, February 18, 2013, 18:42

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