Last Updated: Friday, November 9, 2012, 23:32

नई दिल्ली : हाल ही में कई लोगों के खिलाफ आरोप लगाने वाले अरविन्द केजरीवाल ने शुक्रवार को बहु-राष्ट्रीय बैंक एचएसबीसी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह धनशोधन गतिविधियों में लिप्त है। इसके साथ ही राजनीति में ‘नए’ आए केजरीवाल ने दावा किया कि बैंक की जिनेवा शाखा में अंबानी बंधुओं, जेट एयरवेज के नरेश गोयल और कांग्रेस सांसद अन्नू टंडन ने काला धन जमा कर रखा है।
केजरीवाल और वकील प्रशांत भूषण ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि बैंक की जिनेवा शाखा में 700 खातों में करीब छह हजार करोड़ रुपए का काला धन जमा है।
उनके आरोपों के बाद एचएसबीसी बैंक ने सतर्क टिप्पणी करते हुए कहा है कि वह अपने कामकाज में हर जगह कानून का गंभीरता से पालन करता है। वहीं, अंबानी बंधुओं ने आरोपों को खारिज कर दिया और वहां कोई खाता होने से इंकार कर दिया।
उधर, गोयल ने कहा कि एक अनिवासी होने के आधार पर वह विदेशी बैंकों में खाता रखने के हकदार हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनका जिनेवा में एचएसबीसी बैंक में कोई खाता नहीं है।
डाबर इंडिया के बर्मन बंधुओं ने कहा कि ये खाते परिवार के सदस्यों द्वारा उस समय खोले गए थे जब वे अनिवासी थे और ऐसे खाते खोलने के लिए कानूनन अनुमति थी। डाबर इंडिया ने एक बयान में कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विदेशी बैंक में खाता रखने वाले हर व्यक्ति को एक ही नजर से देखा जा रहा है।’
टंडन ने भी आरोपों से इंकार करते हुए कहा,‘आप जाइए और उनसे सवाल कीजिए कि किस आधार पर वह ऐसे आरोप लगा रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि इसे साबित करने के लिए उनके पास कुछ है।’टंडन पहले मोटेक सॉफ्टवेयर की प्रबंध निदेशक थीं।
केजरीवाल और भूषण ने दावा किया कि उन लोगों के यहां छापे मारे गए जिन्होंने बैंक में ‘ छोटी राशि’ जमा कर रखी थी। लेकिन मुकेश और अनिल अंबानी, गोयल, टंडन, डाबर के बर्मन बंधु आनंद, प्रदीप और रतन जैसे बड़े लोगों को सरकार के इशारे पर ‘छोड़ दिया गया।’
कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि 2006 में एचएसबीसी में खाताधारक करीब 700 लोगों की सूची के अनुसार अंबानी बंधुओं के 100-100 करोड़ रुपए जमा थे जबकि रिलायंस समूह की मोटेक साफ्टवेयर के 2,100 करोड़ रुपए, दिवंगत संदीप और अन्नू टंडन के 125-125 करोड़ रुपए, नरेश गोयल के 80 करोड़ रुपए और डाबर के बर्मन बंधुओं के 25 करोड़ रुपए जमा थे।
इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के दोनों कार्यकताओं ने यह आरोप भी लगाया कि मनमोहन सिंह नीत संप्रग सरकार ‘बिकी हुई है’ और यह ‘सबसे बड़ा खतरा’ है क्योंकि यह देश की आर्थिक संप्रभुता को त्याग रही है।
उन्होंने आशंका जतायी कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी या अपराधी भारत में अपनी गतिविधियों के लिए एचएसबीसी में धन स्थानांतरित करने के तरीके का फायदा उठा सकते हैं।
केजरीवाल ने दावा किया कि हालांकि खाताधारकों के संबंध में उनके पास कोई ‘आधिकारिक दस्तावेज’ नहीं है लेकिन उन्होंने कांग्रेस के एक ऐसे नेता से मिली जानकारी की विभिन्न सूत्रों से पुष्टि की है जिन्हें हाल ही में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
उन्होंने तीन लोगों के बयान भी मुहैया कराए जिनके नाम सूची में हैं और जिनसे आयकर अधिकारियों ने पूछताछ की थी। बयान में उन्होंने अधिकारियों से कहा था कि एचएसबीसी ने उन्हें सुविधा मुहैया करायी थी कि जिनेवा गए बिना ही उनके खाते खुल सकते हैं।
आरोप में कहा गया है कि यहां एक एजेंट को राशि सौंपी गयी और जब भी वे पैसे निकालना चाहते तो वे जिनेवा में एक व्यक्ति से संपर्क करते और उन्हें भारत में राशि मिल जाती।
उन्होंने कहा,‘पैसे का कोई भौतिक स्थानांतरण नहीं हुआ। यह धनशोधन है। इन तीन लोगों के बयानों से खुलासा होता है कि एचएसबीसी खुलेआम भारत में हवाला रैकेट चला रहा है।’ केजरीवाल ने कहा,‘ये बयान ही बैंक के अधिकारियों को गिरफ्तार करने के लिए काफी हैं। उनके परिचालन पर तुरंत रोक लगनी चाहिए और यह भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने तथा राजद्रोह का मामला शुरू करने के लिए उचित आधार है।’
उन्होंने आरोप लगाया कि सूची में जिन 700 लोगों के नाम थे उनमें से सिर्फ करीब 125 लोगों से ही पूछताछ की गई। उन्होंने इसके पीछे की नीति और वजह पर सवाल उठाया।
एचएसबीसी बैंक ने सतर्क टिप्पणी करते हुए कहा कि उसने कानून का गंभीरता से पालन किया है। बैंक ने बयान में कहा कि एचएसबीसी बैंक पर जो आरोप लगाए गए हैं, बैंक उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता क्योंकि यह पूर्व के मुद्दों से जुड़ा है।
बयान के अनुसार एचएसबीसी जहां भी काम करता है, गंभीरता से कानून का अनुपालन करता है। एचएसबीसी निरंतर कानून का अनुपालन कराने और जोखिम प्रबंधन को मजबूत बनाने के लिये निरंतर ठोस कदम उठाता रहा है। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 9, 2012, 13:57