Last Updated: Wednesday, April 24, 2013, 15:07

नई दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज इस बात पर खेद जताया कि कालेधन पर सरकार की ओर से श्वेत पत्र लाए जाने के बाद ऐसे खातों का पता लगाने और कर चोरी के धन की उगाही करने संबंधी आगे की कोई कार्रवाई नहीं की गई।
आडवाणी ने कहा, ‘भाजपा को इस बात का खेद है कि श्वेत पत्र पर आगे की कोई कार्रवाई नहीं की गई। भारतीय राजनीति और शासन का, खास कर पिछले नौ सालों से भ्रष्टाचार और कालेधन से सत्यानाश होता जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ शक्तिशाली पश्चिमी देशों की ओर से बैंकिंग के गोपनीयता कानूनों को बदलने का जबर्दस्त दबाव बनाया जा रहा है जिससे काला धन के पनाहगाह माने जाने वाले स्विट्ज़रलैंड के बैंक भारी संकट का सामना करने की स्थिति में आ गए हैं।
अपने ब्लाग में भाजपा नेता ने कहा कि अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी के भारी दबाव के चलते स्विट्जरलैंड का सबसे बड़ा बैंक यूबीएस अपने 4000 से अधिक अमेरिकी ग्राहकों के नाम बताने पर राज़ी हुआ। वहां के कुछ अन्य बैंक भी कर चोरी वाले ऐसे खातों की जानकारी देने को बाध्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि कालेधन के खिलाफ छेड़ी गई इस वैश्विक जंग से भारत को काफी लाभ हो सकता है। ‘यह उम्मीद ही की जा सकती है कि भारत इस घटनाक्रम का पूरा फायदा उठाएगा।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 24, 2013, 15:05