Last Updated: Friday, November 4, 2011, 10:28
पुणे: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने शुक्रवार को कहा कि कालेधन के मामले में सरकार की नीयत पर उन्हें संदेह है और उन्हें नहीं लगता कि स्विट्जरलैंड की सरकार के साथ समझौते के तहत वह कालेधन के बारे में सूचना उजागर करेगी।
उन्होंने कहा कि यह समझौता अगले वर्ष से प्रभावी होगा। ऐसे में जिन लोगों का धन स्विस बैंकों में जमा है उन्हें उस धन को निकालने या स्थानांतरित करने का मौका मिल जाएगा।
आडवाणी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ‘ सरकार की नीयत पर संदेह है। उसने कालेधन से निपटने में हद दर्जे की निष्क्रियता दिखाई है।’
उन्होंने कहा कि स्विट्जरलैंड के साथ जो समझौता किया गया है उसके तहत भारत विशिष्ट मामलों में उस देश से सूचना हासिल कर सकता है, लेकिन वह समझौता अप्रैल 2012 से प्रभावी होगा।
उन्होंने सवाल किया, ‘स्विस बैंकों में पैसा रखने वालों को हमने ऐसा मौका क्यों दिया। पूर्व उप प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी जैसे अन्य देश काला धन वापस लाने के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं, लेकिन संप्रग सरकार की रहनुमाई में भारत इस मामले में एकदम निष्क्रिय है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने सैद्धांतिक रूप से वंशवाद को स्वीकार कर लिया है, जिसके लिए दुनियाभर में देश की आलोचना हुई है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर एक बार फिर हल्ला बोलते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि लोकतंत्र में प्रधानमंत्री का स्थान सर्वोपरि होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 4, 2011, 16:01