Last Updated: Friday, October 12, 2012, 23:58
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज कावेरी निगरानी समिति की उस रिपोर्ट का अध्ययन करने की सहमति जता दी जिसमें तमिलनाडु को अगले पखवाड़े कावेरी नदी का 8.85 टीएमसी पानी देने का फैसला किया गया है। न्यायमूर्ति डीके जैन और न्यायमूर्ति मदन लोकुर की पीठ ने अंतरराज्यीय जल विवाद पर सुनवाई 19 अक्तूबर तक टाल दी।
पीठ ने कर्नाटक की इस दलील को भी मंजूर नहीं किया कि वह 9,000 क्यूसेक पानी छोड़ने के शीर्ष अदालत के दिशा निर्देशों के बाद पिछले कुछ समय से काफी पानी छोड़ रहा है। पीठ ने कर्नाटक की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील फली नरीमन से कहा, ‘आप कुछ दिनों में 3,000 क्यूसेक पानी छोड़ रहे हैं। कुछ दिन आप अधिक पानी छोड़ रहे हैं। इससे अप्रत्यक्ष परिणाम हो सकते हैं। कुछ इलाकों में बाढ़ तक आ सकती है। हम नहीं जानते।’
अदालत ने नरीमन की इस दलील पर प्रतिक्रिया दी थी कि राज्य में दबाव की स्थिति के बाजवूद राज्य सरकार तमिलनाडु को 9,000 क्सूसेक पानी छोड़ने के निर्देश का पालन कर रही है। पीठ ने कर्नाटक के किसानों के एक समूह की याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें तमिलनाडु को 9,000 क्यूसेक पानी छोड़ने के उसके 29 सितंबर के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
कावेरी नदी प्राधिकरण ने पिछले हफ्ते कर्नाटक और तमिलनाडु का दौरा करने वाले एक केंद्रीय दल के निष्कर्षों के आधार पर 11 अक्तूबर को 8.85 टीएमसी पानी छोड़ने का निर्देश दिया था। हालांकि कर्नाटक ने कहा कि वह आदेश को स्वीकार नहीं करेंगे। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 12, 2012, 23:58