कावेरी विवाद: सुप्रीम कोर्ट का तमिलनाडु को पानी देने का निर्देश

कावेरी विवाद: सुप्रीम कोर्ट का तमिलनाडु को पानी देने का निर्देश

कावेरी विवाद: सुप्रीम कोर्ट का तमिलनाडु को पानी देने का निर्देशनई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तमिलनाडु को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए कर्नाटक को आदेश दिया कि वह कावेरी नदी से रोजाना दस हजार क्यूसेक जल पड़ोसी राज्य को मुहैया कराये। न्यायालय ने कावेरी निगरानी समिति को तत्काल बैठक करके दोंनों राज्यों के लए जल की मात्रा का निर्धारण करने का भी निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति डी के जैन और न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की पीठ ने कहा कि कावेरी निगरानी समिति की रिपोर्ट दाखिल होने तक यह अंतरिम आदेश जारी रहेगा। न्यायाधीशों ने निगरानी समिति से कहा है कि वह आज या कल अपनी बैठक करे। इस मामले में न्यायालय अब सोमवार को आगे विचार करेगा।

न्यायालय ने कहा कि कावेरी निगरानी समिति से छह या सात दिसंबर को बैठक आयोजित करके तमिलनाडु और कर्नाटक में फसलों के लिए दिसंबर महीने के लिए पानी की आवश्यकता का निर्धारण करने का अनुरोध किया जाता है। समिति अपनी रिपोर्ट संबंधित प्राधिकारी को सौंपेंगी।

न्यायालय ने कहा कि इस बीच, कावेरी निगरानी समिति की रिपोर्ट आने तक हम निर्देश देते हैं कि कर्नाटक बुधवार से रोजाना दस हजार क्यूसेक जल तमिलनाडु को मुहैया करायेगा। हम स्पष्ट करते हैं कि यह आदेश कावेरी निगरानी समिति की रिपोर्ट पेश होने तक जारी रहेगा।

न्यायाधीशों ने कहा कि उनका तात्कालिक सरोकार फसलों को बचाने से है जो कथित रूप से पानी के अभाव में वह मर रही हैं और अन्य मुद्दों पर बाद में फैसला होगा।

न्यायाधीशों ने कहा कि दोनो राज्य विपदा में हैं और हमें यह देखना है कि हम दोनों राज्यों की फसलों को कैसे बचा सकते हैं। हम दोनों राज्यों की जरूरतों के प्रति जागरूक रहते हुए इस समस्या का व्यावहारिक समाधान खोजेंगे।

शीर्ष अदालत ने केन्द्र सरकार से भी स्पष्टीकरण मांगा है कि कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण के अंतिम अवार्ड को उसने अभी तक अधिसूचित क्यों नहीं किया है। न्यायालय ने कावेरी से अतिरिक्त जल दिलाने के अनुरोध के साथ तमिलनाडु की अंतरिम अर्जी पर यह आदेश दिया। राज्य सरकार ने आरोप लगाया था कि पानी की कमी के कारण उसके यहां की फसल मर रही है।

इस मामले में पहले सुनवाई के दौरान 26 नवंबर को न्यायालय ने जल विवाद के संवेदनशील मसले पर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत करके किसी नतीजे पर पहुंचने का आग्रह किया था। लेकिन दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच हुयी बातचीत बेनतीजा रही थी और इस तरह कावेरी जल विवाद एक बार फिर उच्चतम न्यायालय पहुंच गया था। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, December 5, 2012, 18:32

comments powered by Disqus