काश! मैं पहले राष्ट्रपति भवन में आ जाता: प्रणब

काश! मैं पहले राष्ट्रपति भवन में आ जाता: प्रणब

काश! मैं पहले राष्ट्रपति भवन में आ जाता: प्रणबनई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस पद पर एक साल पूरा होने पर गुरुवार को अपना दिन व्यस्त दिनचर्या में बिताया और एक पुस्तकालय तथा खेल मैदान का उद्घाटन करते हुए इस बात पर थोड़ा अफसोस जताया कि अगर वह पहले राष्ट्रपति भवन में आ जाते तो कुछ इमारतों को गिरने से बचा सकते थे।

मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन परिसर में रहने वाले परिवारों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं इस पुस्तकालय के पुनर्निर्माण के लिए अपनी टीम का और सचिव ओमिता पॉल का शुक्रिया अदा करता हूं। उन्होंने कहा कि काश मैं कुछ पहले आ जाता और कुछ इमारतों को गिरने से बचा पाता तो उनका इस्तेमाल बेहतर उद्देश्यों के लिए होता। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे।

मुखर्जी ने आज करीब दो घंटे का वक्त बच्चों, युवाओं और राष्ट्रपति संपदा के कर्मचारियों के साथ मुलाकात में बिताया। आज उन्होंने ऐतिहासिक दरबार हॉल के पास महात्मा गांधी की कांस्य प्रतिमा का अनावरण भी किया। 77 वर्षीय मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में महात्मा गांधी की अब तक की पहली प्रतिमा का अनावरण किया। इससे पहले तक गांधी जी की केवल तस्वीरें ही राष्ट्रपति भवन में होती थीं।

उन्होंने कहा कि कई महान लोग इस भवन में आते हैं और अगली बार जब वे दरबार हॉल से गुजरेंगे तो कुछ देर तक के लिए ठहरेंगे और महान संत के सम्मान में उनका सिर झुक जाएगा। (एजेंसी)

First Published: Thursday, July 25, 2013, 20:54

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