Last Updated: Sunday, February 19, 2012, 11:53
मुंबई: निजी विमानन कम्पनी किंगफिशर एयरलाइंस (केएफए) को रविवार को अपनी कई उड़ानें रद्द करनी पड़ी। उड़ानें रद्द किए जाने पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने रविवार को जांच के आदेश दिए। देश भर में हजारों यात्रियों को उड़ानें रद्द होने से परेशानी का सामना करना पड़ा था।
कम्पनी ने हालांकि कहा है कि परिंदों के टकराने जैसी घटनाओं के कारण उड़ानें रद्द हुई। डीजीसीए के महानिदेशक ईके भारत भूषण ने कहा, हमने देश भर से उड़ान रद्द किए जाने से सम्बंधित आंकड़े मंगवाए हैं। उन्होंने (किंगफिशर एयरलाइंस) हमें उड़ान रद्द किए जाने से सम्बंधित कोई सूचना नहीं दी थी।
उन्होंने कहा, यह अनपेक्षित गतिविधि है जिसके कारण हमने यह (जांच) कदम उठाया है। जानकार सूत्रों के मुताबिक डीजीसीए ने रविवार शाम तक सम्पूर्ण विवरण की मांग की है। डीजीसीए के अधिकारियों के मुताबिक उड़ानें रद्द करने से पहले नियामक की मंजूरी नहीं लेकर विमानन कम्पनी ने विमान कानून 1937 के सेक्शन ए की धारा 140 का उल्लंघन किया है। इसके साथ ही कम्पनी ने एविएशन रिक्वोयरमेंट नियमन का भी उल्लंघन किया है, जिसके तहत विमान में सवार होने से रोकने, उड़ान रद्द करने और उड़ान में देरी की स्थिति में यात्रियों को मुआवजा दिया जाना चाहिए।
डीजीसीए ने पिछले वर्ष कम्पनी को उड़ान रद्द किए जाने पर चेतावनी दी थी। जानकारी के मुताबिक किंगफिशर ने देश भर में विभिन्न मार्गों पर 80 उड़ानें रद्द कर दीं। विमानन कम्पनी की उड़ानें लगातार दूसरे दिन रद्द हुईं।
केएफए ने रविवार को कहा कि पिछले कुछ दिनों से उड़ानों के रद्द किए जाने के बावजूद कम्पनी ने किसी भी गंतव्य को अपनी सूची में से नहीं हटाया है। कम्पनी के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि परिंदों के टकराने जैसी घटनाओं के कारण उड़ानों के संचालन में बाधा आई।
उन्होंने कहा कि अगले तीन से चार दिनों में भी उड़ानों में बाधा आ सकती है और इस दौरान 208 उड़ानें ही संचालित की जाएंगी, लेकिन कम्पनी ने किसी भी गंतव्य को अपने मार्गो से नहीं हटाया है, न ही वह ऐसा करने वाली है। उन्होंने कह कि यह कयास भी गलत है कि विमानन कम्पनी अपनी उड़ानों की संख्या रोजाना 240 से घटाएगी। कम्पनी अगले चार दिनों के भीतर अपनी सारणी में सभी उड़ानों का संचालन करेगी।
प्रवक्ता ने इस अफवाह को भी गलत कहा कि कम्पनी कम मूल्य पर टिकट बेच रही है। अधिकारी ने हालांकि यह माना कि आयकर विभाग ने विमानन कम्पनी के बैंक खातों को जब्त किया है और कहा कि ऐसा पहले भी हुआ है और उन मसलों को सुलझा लिया गया था। कम्पनी ने यह भी कहा कि बैंकों के समूह ने कम्पनी के लिए संचालन पूंजी की जरूरत को मान लिया है और इसपर सभी बैंकों से अलग-अलग मंजूरी मिलनी है।
उल्लेखनीय है कि विमानन कम्पनी को मौजूदा कारोबारी साल की तीसरी तिमाही में 444 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में कम्पनी को 254 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 20, 2012, 09:44